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India News (इंडिया न्यूज़), Piles Home Remedies: बवासीर एक ऐसी समस्या है जिससे देश और दुनिया में लाखों लोग परेशान हैं। बवासीर दो प्रकार की होती है एक खूनी बवासीर और दूसरी बादी बवासीर। खूनी बवासीर में मल के साथ लाल खून आता है लेकिन बादी बवासीर में पेट खराब रहता है, कब्ज, गैस बनती है और मलाशय में खुजली और दर्द की शिकायत होती है। बवासीर गुदा और मलाशय के अंदर और आसपास की रक्त वाहिकाओं में सूजन है। मल के साथ चमकीला लाल खून आना खूनी बवासीर का लक्षण है।
इस बीमारी के लिए खान-पान और जीवनशैली दोनों ही जिम्मेदार हैं। बवासीर रोग के कारणों की बात करें तो लंबे समय तक तनाव, देर तक बैठे रहना, देर तक खड़े रहना, मसालेदार भोजन का सेवन करना, कब्ज, गर्भावस्था के दौरान भारी सामान उठाने से बवासीर हो सकती है। ज्यादातर लोग बवासीर का इलाज घर पर ही कर सकते हैं। बहुत गंभीर मामलों में ही सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। खूनी बवासीर में गुदा के अन्दर एक मस्सा होता है जो अंदर की तरफ होता है।
शौच के बाद यह मस्सा अन्दर चला जाता है। जब यह पुराना हो जाता है तो बाहर निकल आता है और हाथ से दबाने पर ही अन्दर जाता है। अंतिम अवस्था में यह हाथ से दबाने पर भी अन्दर नहीं जाता। लम्बे समय तक लगातार खूनी बवासीर होने से शरीर में कमजोरी और थकान रहती है।
अगर आप खूनी बवासीर से पीड़ित हैं, तो आप इसका इलाज घर पर ही कर सकते हैं। खूनी बवासीर में दर्द नहीं होता, सिर्फ खून निकलता है जो शरीर में कमजोरी बढ़ाता है। आयुर्वेद में खूनी बवासीर का बहुत सटीक इलाज है। अगर कुछ आयुर्वेदिक उपायों को अपनाया जाए, तो इस बवासीर को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
अगर आप बवासीर के लक्षणों से परेशान हैं, तो गाय का ठंडा दूध लें और उसमें आधा नींबू निचोड़कर इसका सेवन करें। ठंडे दूध के साथ नींबू का सेवन करने से बवासीर के लक्षण नियंत्रित होते हैं। अगर आप एक हफ्ते तक दूध और नींबू का उपाय अपनाते हैं, तो आपको जल्द ही बवासीर के लक्षणों से राहत मिलेगी।
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बाबा रामदेव के अनुसार, अगर आप बवासीर को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो सुबह-शाम चार चम्मच अभयारिष्ट पिएं, आपको बवासीर के लक्षणों से राहत मिलेगी। खाने के बाद इसका सेवन करें।
अगर आप शरीर में कमजोरी से परेशान हैं और बवासीर के लक्षणों को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो सुबह खाली पेट आंवला-एलोवेरा जूस का सेवन करें, आपको फायदा होगा।
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