Cancer: युवाओं में क्यों बढ़ रहा है सिर और गर्दन के कैंसर का खतरा, पहचाने इसके लक्षण | Cancer: Why is the risk of head and neck cancer increasing among youth, identify its symptoms
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Cancer: युवाओं में क्यों बढ़ रहा है सिर और गर्दन के कैंसर का खतरा, पहचाने इसके लक्षण

Babli • LAST UPDATED : July 28, 2024, 11:08 am IST
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Cancer: युवाओं में क्यों बढ़ रहा है सिर और गर्दन के कैंसर का खतरा, पहचाने इसके लक्षण

Head-Neck Cancer

India News (इंडिया न्यूज़), Head-Neck Cancer: कैंसर आज के समय में एक आम बिमारी बन गई है, जिसके मामले आए दिन बढ़ते जा रहे हैं। कैंसर आज भी एक जानलेवा बीमारी ही है। एक हालिया रिसर्च के अनुसार भारत में सिर और गर्दन के कैंसर का खतरा और मामले में वृद्धि हो रही है। इन कैंसर के मामले कुल कैंसर के मामलों का करीब 26% है। एक्सपर्ट की माने तो तम्बाकू और अल्कोहल का अधिक सेवन और ख़राब लाइफस्टाइल इन कैंसर के केसेस के बढ़ने का प्रमुख कारण है। 1869 में कैंसर पेशेंट्स पर की गई रिसर्च का रिजल्ट शनिवार को मनाये गए ‘ विश्व सिर और गर्दन कैंसर दिवस ‘ पर जारी किया गया और पता चला की सर और गर्दन के कैंसर का आंकड़ा 26% है।

  • क्या है कैंसर का कारण
  • क्या है अभियान का उद्देश्य
  • कैसे हो सकता है इलाज

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क्या है कैंसर का कारण

भारत को एक कैंसर मुक्त देश बनाने की कोशिश जारी है। ऐसे में भारत में इस प्रोग्राम का नेतृत्व करने का कार्य सीनियर ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर आशीष गुप्ता को दिया हुआ है। उन्होंने बताया की सर और गर्दन के कैंसर का मामला बढ़ रहा है और यह ज्यादातर युवा पुरुषों में पाया जा रहा है। उन्होंने आगे बढ़ाते हुए कहा की इन कैंसरस का मुख्य कारण शराब और तम्बाकू का सेवन करना है।

उन्होंने आगे बताया की लगभग 80- 90 प्रतिसत मुँह का कैंसर के मरीज़ किसी न किसी प्रकार का तम्बाकू का सेवन करते पाए गए है, चाहे वह धूम्रपान हो या चबाना। इस तरह का कैंसर का बढ़ना रोका जा सकता है। जीवनशैली में बदलाव ला कर इसे रोका जा सकता है।

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क्या है अभियान का उद्देश्य

डॉ गुप्ता कहते है की तम्बाकू छोड़ने के लिए इसके प्रति जागरूकता फ़ैलाने की जरुरत है और ये भी महत्वपूर्ण है की इन केसेस का पता वक्त रहते पता चले। भारत में अधिकतर कैंसर के मामले बहुत देरी से पता चलिते है। तक़रीबन दो तिहाई माले ऐसे है जो आखरी समय पर पता चलते है जिसके कारण उनका इलाज हर बार सफल नहीं हो पाता है।

इसके पीछे संभवता यही कारण है की मरीज अपना सही से जाँच नहीं कराते है। भारत में कैंसर मुक्त अभियान का उद्देश्य है की बीमारी के बारे में सही शिक्षा और सही समय पर पहचान के माध्यम से लोगों में कैंसर का प्रभाव काम किया जा सके।

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कैसे हो सकता है इलाज

डॉ गुप्ता का कहना है की अगर सिर और गर्दन के कैंसर की पहचान पहली या दूसरी स्टेज पे हो जाए तो करीब 80% इलाज मुमकिन है और ये भी मुमकिन है की बेहतर इलाज किया जा सकता है जिसके कारण बेहतर जीवन प्राप्त किया जा सकता है। सिर और गर्दन के कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी, रेडिएशन और इम्मुनोथेरपी द्वारा मुमकिन है। शुरू में ही कैंसर के पहचान हो जाने से बीमारी मात्र ठीक ही नहीं बल्कि अच्छा जीवन भी मिल सकता है।

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