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Sleep Disorders पिछले दो सालों से पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाले कोरोनावायरस के कई साइडइफैक्ट्स देखने को मिले हैं, अब एक नई स्टडी में सामने आया है कि नींद संबंधी बीमारियों से ग्रस्त रोगियों में कोरोना संक्रमण घातक हो सकता है। इस स्टडी में बताया गया है कि सोते समय सांस लेने की समस्या और हाईपोक्सिया से ग्रस्त मरीजों के कोरोना संक्रमित होने पर उनके अस्पताल में भर्ती कराने व मौत की आशंका 31 प्रतिशत अधिक होती है। इस स्टडी के आधार पर रिसर्चर्स का कहना है कि इससे मरीजों के इलाज में मदद मिल सकती है।
इस स्टडी के निष्कषों को मेडिकल जर्नल ‘जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित किया गया है। अमेरिका के नॉन प्रॉफिट एकैडमिक मेडिकल सेंटर, क्लीवलैंड क्लिनिक के 5400 मरीजों के आंकड़ों के आकलन से एमडी डॉ रीना मेहरा के नेतृत्व में रिसर्च टीम ने बताया, कोविड 19 महामारी जारी रहने के बीच इस बात का आकलन बेहद मुश्किल है कि इसका किस मरीज पर अधिक बुरा असर होने वाला है। (Sleep Disorders)
रिसर्च के दौरान 3 लाख 60 हजार कोविड के मरीजों में से 5400 को अनिद्रा की भी शिकायत थी। इन्हीं पर यह शोध किया गया है। इस स्टडी के परिणाम हमें कोविड मरीजों के बेहतर उपचार देने में मददगार साबित हो सकते हैं। इससे हमें यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि किन मरीजों पर अधिक निगरानी रखनी है। नींद संबंधी शोध में यह भी पाया गया है कि मोटापा, हार्ट डिजीज और फेफड़ें संबंधी रोगों, कैंसर, और स्मोकिंग का भी इस पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। (Sleep Disorders)
आपको बता दें कि इससे पहले रिसर्चर्स की एक इंटरनेशनल टीम ने अपनी स्टडी में बताया था कि 10 बजे से 11 बजे के बीच सोने जाने वाले लोगों में इससे पहले या बाद में सोने जाने वालों की तुलना में दिल के रोगों से जुड़े खतरों की आशंका कम हो जाती है। यह स्टडी ईसीएस यानी यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी के जर्नल यूरोपियन हार्ट जर्नल-डिजिटल हेल्थ में प्रकाशित हुई है।
पहले भी कई विश्लेषणों में नींद की अवधि और हार्ट रोगों के बीच संबंध की जांच की गई है। लेकिन अभी तक सोने जाने के टाइम और हार्ट डिजीज के बीच संबंधों का पता नहीं चल सका है। इस नई स्टडी में इसी संबंध का पता लगाने का प्रयास किया गया है। इसमें बड़ी संख्या में वयस्कों की रिपोर्ट को शामिल किया गया, जिसमें नींद की शुरुआत और हार्ट डिजीज के बीच संबंध का पता लगाया गया। (Sleep Disorders)
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