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अब नहीं करना होगा डेंगू के लिए कोई भी प्लेटलेट का जुगाड़, भारत के हाथ लगी बड़ी उपलब्धी!

BY: Preeti Pandey • LAST UPDATED : October 17, 2024, 10:48 pm IST
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अब नहीं करना होगा डेंगू के लिए कोई भी प्लेटलेट का जुगाड़, भारत के हाथ लगी बड़ी उपलब्धी!

Dengue Vaccine: अब नहीं करना होगा डेंगू के लिए कोई भी प्लेटलेट का जुगाड़

India News (इंडिया न्यूज), Dengue Vaccine: बरसात का मौसम खत्म होते ही डेंगू का खौफ तेजी से बढ़ने लगता है। मच्छरों से होने वाली इस बीमारी के हजारों मामले सामने आने लगते हैं। कई मामलों में मरीजों की हालत बेहद जटिल हो जाती है और उनके प्लेटलेट्स गिरने लगते हैं। घरेलू उपचार के साथ-साथ प्लेटलेट्स चढ़ाने तक की नौबत आ जाती है। अब डेंगू को लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने राहत की खबर दी है। भारत ने डेंगू की वैक्सीन तैयार कर ली है और इसके फाइनल ट्रायल पर काम चल रहा है।

भारत में बनी डेंगू की वैक्सीन

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के डॉ ने बुधवार को डेंगू के लिए बनी वैक्सीन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डेंगू की वैक्सीन भारत में बनी है, जबकि इसकी तकनीक अमेरिका की एनआईएच ने विकसित की थी। वे इस वैक्सीन को नहीं बना पाए थे। लेकिन, एक भारतीय कंपनी ने इस वैक्सीन का पूरी तरह निर्माण कर लिया है।

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वैक्सीन पर काम चल रहा है

उन्होंने आगे कहा, “इसी तरह एक और वैक्सीन पर काम चल रहा है, जो जूनोटिक बीमारी के लिए है। यह वैक्सीन भी भारत में ही बनाई गई है, जिसे आईसीएमआर के सहयोग से बनाया गया है। छोटे जानवरों पर इस वैक्सीन के परीक्षण सकारात्मक आए हैं। अब इसका परीक्षण बड़े जानवरों और फिर इंसानों पर किया जाएगा। हमें पहले परीक्षण की मंजूरी भी मिल गई है।”

अमेरिका की एनआईएच ने विकसित किया

उन्होंने बताया कि यह वैक्सीन भारत में तैयार की गई है, जबकि इसकी तकनीक अमेरिका की एनआईएच ने विकसित की है। हालांकि, एनआईएच इसे बनाने में सफल नहीं हो पाई, लेकिन भारतीय कंपनी ने इसे पूरी तरह से विकसित कर लिया है।

टीकाकरण प्रक्रिया

गू वैक्सीन को आईसीएमआर ने समर्थन दिया है और ड्रग कंट्रोल जनरल ने इसके तीसरे चरण के अंतिम परीक्षण को मंजूरी दे दी है। इसके नतीजे अगले दो साल में सामने आएंगे। अगर नतीजे सकारात्मक रहे तो हम इस वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू कर सकेंगे। यह एक महत्वपूर्ण वैक्सीन होगी, जिसे खास तौर पर डेंगू के लिए भारत में बनाया गया है।

जूनोटिक बीमारी के लिए दूसरी वैक्सीन, एक और वैक्सीन पर भी काम चल रहा है, जो जूनोटिक बीमारियों के लिए है। इसे भी भारत में ही विकसित किया गया है और आईसीएमआर के सहयोग से बनाया जा रहा है। इस वैक्सीन के छोटे जानवरों पर किए गए परीक्षण सकारात्मक रहे हैं। अब इसका बड़े जानवरों और फिर इंसानों पर परीक्षण किया जाएगा, जिसके पहले परीक्षण को मंजूरी मिल चुकी है।

डायग्नोस्टिक टेस्ट: उन्होंने यह भी बताया कि भारत में एम्पॉक्स जैसे डायग्नोस्टिक टेस्ट भी विकसित किए गए हैं। इन्हें भी मंजूरी मिल चुकी है, ताकि एम्पॉक्स का भारत में परीक्षण किया जा सके।

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