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Diet Tips To Fight Tuberculosis In hindi
टीबी एक बहुत ही गंभीर बीमारियों में से एक है. और यदि टीबी के पेशेंट्स को सही देखभाल और समय पर इलाज नहीं मिलता है, तो यह एक गंभीर समस्या बन सकती है। यह एक फैलने वाली बीमारी है और खांसी, वजन कम होना, कमजोरी आना, सांस लेने में तकलीफ आदि टीबी के प्रमुख लक्षण होते हैं यह जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया से होती है। जिन व्यक्तियों में बीमारी से लड़ने की इम्युनिटी पॉवर कम होती है। उन लोगों में टीबी होने का खतरा अधिक होता है। हालांकि, कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन टीबी रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। आइए जानते हैं कि टीबी से पीड़ित व्यक्ति को अपने आहार में किन महत्वपूर्ण चीजों को शामिल करना चाहिए।
विटामिन-सी, विटामिन-ए तथा विटामिन-ई युक्त फलों का सेवन टीबी के मरीज़ों के लिए बेहद सेहतमंद होता है। इसलिए उन्हें ऐसे फलों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। टीबी के मरीज कई विटामिनों तथा पोषक तत्वों से भरपूर नींबू, संतरा, आंवला, अमरूद एवं आम जैसे फलों का सेवन करके प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं।
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ग्रीन टी का सेवन टीबी की समस्या में अच्छा साबित हो सकता है। एक शोध के अनुसार, ग्रीन टी में एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (ईजीसीजी) नामक पॉलीफेनोल्स होते हैं। यह पॉलीफेनोल्स टीबी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, काली चाय और ऊलोंग टी को भी टीबी में फायदेमंद माना जाता है
टीबी के मरीजों को विटामिन बी कॉम्पलेक्स से युक्त फूड का सेवन जरूर करना चाहिए जैसे, फिश, चिकन, नट्स, सिड्स, आदि. इन सब में भरपूर मात्रा में विटामिन बी कॉम्पलेक्स पाया जाता है।
टीबी की समस्या होने पर अदरक का उपयोग खाना बनाते समय किया जा सकता है। इस विषय पर हुए एक शोध में पाया गया है कि अदरक में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गतिविधि होती हैं। ये दोनों प्रभाव डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली एंटी टीबी थेरेपी के साथ टीबी के उपचार में मदद कर सकते हैं।
लहसुन में पाए जाने वाले एलिसिन और अजीन नामक यौगिक टीबी के बैक्टीरिया को फैलने से रोकने में मदद कर सकते हैं। इन यौगिकों में एंटी माइकोबैक्टीरियल प्रभाव होता है, जो टीबी के बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक हो सकते हैं। ऐसे में लहसुन का सेवन करके ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया को फैलने से रोकने के साथ ही टीबी के लक्षण को कम करने में मदद मिल सकती है।
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