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Difference Between Stress And Anxiety स्ट्रेस और एंग्जाइटी में क्या अंतर है, जानिए इसके कारण और लक्षण

Difference Between Stress And Anxiety अधिकांश लोग कभी न कभी स्ट्रेस और एंग्जाइटी से गुजरे ही होंगे। हालांकि ज्यादातर लोगों को नहीं पता कि उन्हें स्ट्रेस है या एंग्जाइटी। तनाव और घबराहट या बेचैनी के बीच बहुत बारीक अंतर है। स्ट्रेस और एंग्जाइटी दोनों गंभीर मानसिक और शारीरिक परेशानी है।

दोनों में भावनात्मक प्रतिक्रियाएं और अनुभवों से गुजरना पड़ता है। बाहर से दोनों को देखने पर कुछ भी अंतर दिखाई नहीं देता। इसकी बारीक पहचान डॉक्टर ही कर सकते हैं। कुछ बाहरी लक्षणों के आधार पर सिर्फ हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि किसी को एंग्जाइटी है या स्ट्रेस। हालांकि अलग-अलग लोगों में स्ट्रेस और एंग्जाइटी के अलग-अलग लक्षण होते हैं।

स्ट्रेस और एंग्जाइटी के लक्षण (Difference Between Stress And Anxiety)

पेट में दर्द, मांसपेशियों में तनाव, जोर-जोर से सांस लेना, तेज धड़कनें, पसीना आना, कंपकपाहट, चक्कर आना, बार-बार पेशाब आना, भूख की स्थिति में बदलाव, सोने में दिक्कत, डायरिया, थकान।

स्ट्रेस और एंग्जाइटी के कारण (Difference Between Stress And Anxiety)

स्ट्रेस और एंग्जाइटी के अलग-अलग लोगों में अलग-अलग कारण हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य कारण हैं, जो उपर से दिखाई देते हैं। भविष्य के प्रति दुर्भाग्य की भावना से ग्रसित हो जाना। बहुत ज्यादा पैनिक करना, घबराहट में जीना। ध्यान केंद्रित न कर पाना। चिड़चिड़ाहट, बेचैनी, अधीरता।

गंभीर मामले में डिसऑर्डर की समस्या (Difference Between Stress And Anxiety)

इन सामान्य कारणों के अलावा मामला जब गंभीर हो जाए तो स्ट्रेस या एंग्जाइटी संबंधित डिसऑर्डर हो जाते हैं। एंग्जाइटी डिसऑर्डर होने पर मरीज बेवजह की चिंता में फंस जाते हैं। ऐसे लोग दूसरों के सामने जाने से कतराते हैं।

उन्हें दूसरों से बातचीत करने का डर लगता है। इसके अलावा उन्हें यहां तक चिंता सताने लगती है कि लिफ्ट में जाने से वापस नहीं निकल पाएंगे। किसी-किसी मामले में सनक की हद तक सफाई करने लगते हैं। बार-बार चीजों को सेट करते रहना उनकी आदत हो जाती है। उन्हें हमेशा यह भय रहता है कि कोई उन्हें मार देगा। ऐसे लोगों को पुरानी बातें बहुत याद आती है और इसे याद कर निराश हो जाते हैं।

फिजिकल कारण भी (Difference Between Stress And Anxiety)

कुछ फिजिकल कारणों की वजह से एंग्जाइटी डिसऑर्डर हो सकता है। जैसे अगर व्यक्ति को थायरॉयड की समस्या, दमा, डायबिटीज या हृदय रोग है तो ऐसे व्यक्ति को एंग्जाइटी डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है।

डिप्रेशन से पीड़ित लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। इसके अलावा नशा भी एक कारण हो सकता है। कुछ पर्सनैलिटी से जुड़े डिसऑर्डर भी होते हैं। इसमें व्यक्ति यह मान बैठता है कि वह जो करते हैं उसमें पूरी तरह परफेक्शन है। इसे कोई दूसरा नहीं कर सकता है।

(Difference Between Stress And Anxiety)

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Mukta

Sub-Editor at India News, 7 years work experience in punjab kesari as a sub editor, I love my work and like to work honestly

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