होम / Different Types Of I.V. Fluids जानिए क्या होता है आई.वी. फ्लूइड्स

Different Types Of I.V. Fluids जानिए क्या होता है आई.वी. फ्लूइड्स

Mukta • LAST UPDATED : December 21, 2021, 1:04 pm IST

नेचुरोपैथ कौशल

Different Types Of I.V. Fluids आई.वी. फ्लूइड्स को सलाईन के नाम से सभी लोग जानते है। आपने सलाईन पर लिखा नाम भी पढा होगा पर वो किस नाम से आते है। अब आपके दिमाग में सवाल उठता होगा कि क्या सभी सलाईन एक समान होते है.?

जानिये कुछ अलग अलग कारणों में प्रयुक्त सलाईन के बारे मे (Different Types Of I.V. Fluids)

सामान्य तौर पर कई तरह के आई.वी. फ्लूइड्स या सलाईन का प्रयोग अलग अलग नामों से होता है। जानिये…

(1). डी एन एस डेक्सट्रोज सोडियम क्लोराइड सोलुशन
DNS Dextrose sodium chloride solution
शरिर मे फ्लूइड की कमी होने पर दिया जाता है। चक्कर आना, डायरिया, उल्टी होना, खाना न जाना। यह ग्लूकोज़ लेवल को बढा देती है। जिनको शुगर की बीमारी है, बीपी की शिकायत है तो उनके लिये यह हानीकारक होती है अतः शुगर और बीपी के मरीज को नही देना चाहिये।

(2) एन एस सोडियम क्लोराइड
NS Sodium chloride
यह सामान्य सलाईन होती है और इतनी कोई खास नही होती। अधिकतर ये एक्सीडेंट में दी जाती है।उल्टी, दस्त, चक्कर आना, इन्सुलिन की कमी होना, शरीर में पानी की कमी होना और शुगर के मरिज को भी दे सकते हैं क्योंकि इसमे शुगर नही होती। जिनको DNS नही दे सकते उनको यही दिया जाता है। NS सलाईन घाव, फोडे फुंसी धोने के भी काम आती है। बीपी, किडनी, अस्थमा के मरीज को बहुत कम देते है डॉक्टर।

(Different Types Of I.V. Fluids)

(3) आर एल रिंगर लैक्टेट
RL Ringer lactate
यह कुपोषण वाली अवस्था में दिया जाता है। इसको न्यूट्रिशन की कमी में दिया जाता है। उल्टी, दस्त, हाईड्रेशन, कमजोरी, मार, चोट, घाव लगना विशेष सर मे घाव लगा हो तब दी जाती है। शुगर के मरीज को भी दे सकते है, मगर बी.पी. के मरीज को नही दे सकते। यह बीपी बढा सकता है। जिनको टेंशन आता है उनको भी नहीं दे सकते।
जिनको सर मे चोट लगी हो उनको DNS नही दे सकते और उनके लिये RL या NS बेहतर रहता है।

(4) D-5℅
कमजोरी या अल्कहोल की वजह से यदि कोई बेहोश या नींद में चला गया हो तो ऐसे मे ये बहुत अच्छा काम करती है। शुगर कम हो जाये तो उसे भी दे सकते है।

(Different Types Of I.V. Fluids)

(5). D-25℅
शुगर कम होने पर बेहोश होना, तब आई वी के जरिये दो बोटल चढाने पर शुगर लेबल बढने लगता है। अल्कोहोलिक मरीज को भी दे सकते हैं नशे की हालत मे या वो बेहोश हो गया हो तब भी।

अस्थमा, हार्ट प्रोब्लम, बीपी, शुगर, किडनी के मरीज को बहुत देखरेख मे सलाईन दिया जाता है। कुछ सलाईन का परेहज रहता है, उसे नही दे सकते। अपने डॉक्टर को पहले जरूर मरीज की बीमारियों के बारे में जरूर बतायें कि उसे कौन कौन सी बिमारी है।

(Different Types Of I.V. Fluids)

सभी सलाईन मे डॉक्टर अलग अलग तरह के ईंजेक्शन दे सकते है जिसे डॉक्टर स्वयं तय करते है। किस तरह की सलाईन मरिज को दिया जाये वैसे और भी कई तरह की सलाईन आती है मगर सामान्यतः सलाईन 4-5 प्रकार की होती हैं।

(Different Types Of I.V. Fluids)

Read Also: What To Do to Sleep Well फिश, चेरी और मिल्क अच्छी नींद लाने में होते हैं मददगार

Connect With Us : Twitter Facebook

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.