Disadvantages of drinking less water : पानी के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पानी नहीं तो जीवन का अस्तित्व ही मिट जाएगी। पानी सेहत के लिए किसी वरदान से कम नही है। हालांकि पानी तो सभी पीते ही हैं लेकिन अगर पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीया जाए तो इसके हेल्थ पर कई प्रभाव पड़ सकते हैं। शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन का असर नींद पर भी पड़ता है। कई रिसर्च हैं जो बताते हैं कि कम नींद का कारण डिहाइड्रेशन हो सकता है। पानी का हमारी नींद पर कितना असर पड़ता आइए जानते हैं। (Disadvantages of drinking less water)

क्या कहते हैं शोध (Disadvantages of Drinking Less Water)

2019 में हुए एक शोध के मुताबिक कम नींद आना डिहाइड्रेशन का कारण हो सकता है। शोध में ये नहीं पता चल सका है कि क्यों इसका असर नींद पर पड़ता है। यहां कुछ लक्षण हैं जो बताते हैं कि आपको डिहाइड्रेशन की समस्या है।

मांसपेशियों में ऐंठन

डिहाइड्रेशन या निर्जलीकरण मांसपेशियों में ऐंठन का कारण बन सकता है, जिससे नींद आना मुश्किल हो जाता है। कई बार रात में उस व्यक्ति को जगाना भी मुश्किल हो जाता है। हमारी मांसपेशियों में 76 प्रतिशत पानी होता है। इसलिए जाहिर सी बात है की इसका असर हमारी सेहत पर ज़रूर पड़ेगा। मांसपेशियों में ऐंठन निर्जलीकरण का एक और लक्षण है, जो कभी-कभी काफ़ या पैर की मांसपेशियों में दर्दनाक कसाव पैदा कर सकता है जो किसी को रात के बीच में जगा सकता है। (Disadvantages of drinking less water)

मांसपेशियों में दर्द

मांसपेशियों में दर्द भी डिहाइड्रेश का एक कारण हो सकता है। कई बार काफ और पैरों में भयंकर दर्द होता है। इसके साथ ही मांसपेशियां अकड़ जाती हैं। जिससे व्यक्ति रात में सो नही पाता। (Disadvantages of drinking less water)

सिरदर्द

सिरदर्द और माइग्रेन का अटैक भी एक लक्षण है. जिससे सोने में दिक्कत आती है।

प्यास लगना

सुबह सुबह प्यास लगना या आधी रात में प्यास के कारण उठना भी अलार्मिंग हो सकता है।

मुंह सूखना

डिहाइड्रेशन की वज़ह से कई बार मुंह सूख जाता है। जिससे बेचैनी हो सकती है और नींद नहीं आती है।

(Disadvantages of drinking less water)

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