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'कोरोना तो सेह भी लेते लेकिन ये कैसे'? देश में तेजी से मचा इस जानलेवा वायरस का कोहराम, फिर से लॉकडाउन की हुई तैयारी!

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : December 13, 2024, 3:26 pm IST
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'कोरोना तो सेह भी लेते लेकिन ये कैसे'? देश में तेजी से मचा इस जानलेवा वायरस का कोहराम, फिर से लॉकडाउन की हुई तैयारी!

Disease X.:  कांगो के क्वांगो प्रांत को इस बीमारी का केंद्र बताया जा रहा है।

India News (इंडिया न्यूज), Disease X.: दुनिया में नई-नई बीमारियों का उभरना कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब एक बीमारी इतनी रहस्यमयी हो जाए कि डॉक्टर और वैज्ञानिक भी इसे समझने में असमर्थ हों, तो यह चिंता का विषय बन जाता है। अफ्रीकी देश कांगो में ऐसी ही एक बीमारी, जिसे ‘डिजीज एक्स’ कहा जा रहा है, ने कोहराम मचाया हुआ है। इस बीमारी ने अक्टूबर 2024 से अब तक 406 लोगों को अपनी चपेट में लिया है, जिनमें से 143 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

डिजीज एक्स का केंद्र क्वांगो प्रांत

कांगो के क्वांगो प्रांत को इस बीमारी का केंद्र बताया जा रहा है। यह इलाका बेहद दूर-दराज और पिछड़ा हुआ है, जहां पहुंचने में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम को भी कई दिन लग जाते हैं। खराब सड़कों और भारी बारिश के कारण यहां तक पहुंचना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।

डिजीज एक्स के लक्षण

डिजीज एक्स के लक्षण कई आम बीमारियों से मिलते-जुलते हैं, जो इसके सही कारण का पता लगाने में मुश्किल खड़ी कर रहे हैं। इसके मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:

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  • तेज बुखार
  • सिर दर्द
  • खांसी और बहती नाक
  • सांस लेने में तकलीफ
  • शरीर में दर्द
  • खून की कमी (एनीमिया)

यह लक्षण फ्लू, निमोनिया, मलेरिया, खसरा और यहां तक कि कोविड-19 जैसे रोगों से मिलते-जुलते हैं, जिससे इसे पहचानना और इलाज करना कठिन हो गया है।

संक्रमण का फैलाव और कारण

हालांकि अभी तक इस बीमारी के फैलने के तरीके को लेकर स्पष्टता नहीं है, लेकिन अफ्रीका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) ने चेतावनी दी है कि यह बीमारी शायद हवा के माध्यम से फैल रही है। हालांकि, इस दावे की अभी पुष्टि नहीं हुई है। WHO की टीमें इस बीमारी के कारणों को समझने के लिए सैंपल इकट्ठा कर रही हैं, लेकिन जांच के नतीजे आने में समय लगेगा।

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कुपोषण और कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली का प्रभाव

डिजीज एक्स के अधिकतर शिकार वे लोग हो रहे हैं जो पहले से ही कुपोषण और कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली से जूझ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन लोगों के शरीर में इस बीमारी से लड़ने की ताकत नहीं है, जिसके कारण मृत्युदर अधिक है।

ग्लोबल खतरे की संभावना

WHO ने फिलहाल इसे वैश्विक खतरा घोषित नहीं किया है, लेकिन क्योंकि क्वांगो प्रांत का बॉर्डर अंगोला से जुड़ता है, इस बीमारी के अन्य देशों में फैलने का खतरा बना हुआ है। WHO ने अभी तक 31 मौतों की पुष्टि की है, जबकि स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, मृतकों की संख्या 143 तक हो सकती है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि एक से अधिक बीमारियां इन मौतों का कारण हो सकती हैं।

भविष्य के लिए सबक

डिजीज एक्स सिर्फ एक मेडिकल इमरजेंसी नहीं है, बल्कि यह मानवता के लिए एक चेतावनी भी है। कुपोषण, खराब स्वास्थ्य सुविधाएं और अविकसित इलाकों में समय पर इलाज न मिल पाना ऐसी बीमारियों को और अधिक घातक बना देते हैं।

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इस घटना से स्पष्ट है कि स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने की तत्काल आवश्यकता है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं, पोषण कार्यक्रमों और रिसर्च के लिए अधिक संसाधनों का आवंटन, ऐसे प्रकोपों से निपटने के लिए अनिवार्य है। डिजीज एक्स से हमें यह सबक लेना चाहिए कि हमें सतर्क रहना होगा और वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना होगा।

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Disease X.Disease X. in Congo

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