714
Diwali 2025 Air Pollution: दिवाली का त्योहार हर साल देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. घरों को सजाना, मिठाइयां बांटना और आतिशबाजी करना इस पर्व की खास परंपराएं हैं. लेकिन दिवाली की रौनक के बीच बढ़ता वायु प्रदूषण चिंता का कारण बनता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए. पटाखों और आतिशबाजी से निकलने वाला धुआं हवा में सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और अन्य हानिकारक कणों की मात्रा बढ़ा देता है. यह धुआं बच्चों की नाजुक सांस की नलियों पर प्रत्यक्ष असर डालता है और बुजुर्गों में पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं को और बढ़ा सकता है.
बच्चों और बुजुर्गों पर पटाखों का असर
- बच्चों पर असर: छोटे बच्चों की फेफड़ों की प्रणाली कमजोर होती है। दिवाली के समय धुआं उन्हें खांसी, गले में खराश, आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं दे सकता है.
- बुजुर्गों पर असर: बुजुर्गों में यह धुआं पहले से मौजूद सांस की बीमारियों, दिल की समस्याओं, हाई ब्लड प्रेशर और तनाव को बढ़ा सकता है.
प्रदूषण से सुरक्षा के उपाय
- घर के खिड़की-दरवाजे बंद रखें: दिवाली के समय घर में धुएं का प्रवेश कम करने के लिए खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें.
- एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल: घर में हवा साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। इससे हानिकारक कण बच्चों और बुजुर्गों तक नहीं पहुंच पाएंगे.
- धुएं वाले घरेलू सामान कम जलाएं: दिवाली पर अगरबत्ती, मोमबत्ती और अन्य धुएँ वाले सामानों का प्रयोग सीमित करें.
- भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें: बच्चों और बुजुर्गों को आतिशबाजी या भीड़ वाले इलाकों में जाने से रोकें.
- मास्क पहनें: यदि बाहर जाना जरूरी हो तो एन95 या एफएफपी2 मास्क पहनें.
दिवाली का त्योहार खुशी और रोशनी का प्रतीक है, लेकिन इस दौरान स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए इन उपायों का पालन करना जरूरी है ताकि पर्व का आनंद सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से मनाया जा सके.