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India News (इंडिया न्यूज़), Morning Alarm Disadvantages: इस भागदौड़ भरी जिंदगी में कई लोगों के सोने और जागने का शेड्यूल बिगड़ गया है। रात को समय पर सोना भले ही संभव न हो, लेकिन सुबह समय पर उठना हर किसी की मजबूरी है। ऐसे में अगर आपको भी इसके लिए एक से ज्यादा अलार्म लगाने पड़ते हैं, तो अब आपको सावधान होने की जरूरत है। जी हां, डॉक्टर्स का कहना है कि इस तरह की आदत आपके दिमाग के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं है।
क्या आपको भी सुबह उठने के लिए 8 से 10 मिनट के अंतराल पर 3 से 4 अलार्म लगाने की आदत है? अगर हां, तो बता दें कि अमेरिकी न्यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक बताया कि भले ही आपको कई अलार्म लगाकर उठना और फिर झपकी लेना पसंद हो, लेकिन यह नींद की गुणवत्ता खराब करने से लेकर दिमाग को कमजोर करने तक की बेहद हानिकारक आदत साबित हो सकती है।
अमेरिकी न्यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक, आमतौर पर लोग नींद के आखिरी घंटों में नींद चक्र के चौथे और अंतिम चरण में होते हैं, जिसे रैपिड आई मूवमेंट (आरईएम) नींद के रूप में जाना जाता है। आरईएम नींद स्मृति और रचनात्मकता के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन एक से अधिक अलार्म के कारण नींद के इस चरण में व्यवधान मस्तिष्क के कामकाज को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, अलार्म सेट किया जाना चाहिए, ताकि जागने तक बिना किसी रुकावट के गहरी नींद जारी रहे।
स्लीपिंग डिसऑर्डर विशेषज्ञ का कहना है कि जागने के लिए एक अलार्म सबसे अच्छा है। हालांकि, कुछ लोगों के लिए यह मुश्किल हो सकता है। ऐसी स्थिति में, एक अलार्म घड़ी का उपयोग करें जिसे बंद करने के लिए बिस्तर से बाहर निकलना पड़े। साथ ही, अपनी नींद की आदतों पर नज़र रखें। एक ही समय पर सोना और जागना बहुत मददगार साबित हो सकता है।
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नींद से संबंधित विकारों के कारण, कुछ लोगों को जागने के लिए एक से अधिक अलार्म की आवश्यकता होती है। इन विकारों में जागते समय धीमी प्रतिक्रिया, स्मृति और सोचने की क्षमता का अस्थायी नुकसान और उदास मनोदशा शामिल है, जिससे नींद से जागना मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति अलार्म बंद करने के लिए उठता है लेकिन फिर से सो जाता है।
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