संबंधित खबरें
कैंसर-हार्ट की दिक्कत और ना जानें कितनी बिमारियों का खात्मा कर देती है रम, बस आना चाहिए पीने का सही तरीका!
जकड़ गया है गला और छाती? रसोई में पड़ी ये सस्ती देसी चीज मिनटों में करेगी चमत्कार, जानें सेवन का सही तरीका
कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 4 गलतियां? पहुंच जाएंगे मेंटल हॉस्पिटल, तुरंत बंद करने में ही होगी भलाई
शरीर के अंदर ही कैसे फट जाता है दिल, हार्ट रप्चर का ऐसा होता है ब्लास्ट, इन लोगों को खाना चाहिए खौफ!
इंसानियत का अंत, आने वाला है प्रलय? लैब से सामने आया 'मिरर-इमेज' , ख्तम हो सकती है मानवता, मंडरा रहा खतरा!
चांद पर पहुंच गई दुनिया…ऐसी AI तरक्की पर लानत, 21वीं सदी में भी लाइलाज हैं ये 5 बीमारियां, तड़प कर मर जाते हैं लोग
India News(इंडिया न्यूज), Drug Addiction AIIMS: बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में कक्षा 12 के एक छात्र को इंप्रूवमेंट एग्जाम में बैठने की अनुमति दी, जिसने इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर (IGD) का सामना किया था। जस्टिस एएस चंदूरकर और राजेश पाटिल की खंडपीठ ने 4 जुलाई को दिए अपने आदेश में कहा कि 19 वर्षीय छात्र को ‘न्याय के हित’ में एक और मौका मिलना चाहिए।
लड़के ने अपनी याचिका में दावा किया कि वह हमेशा औसत से बेहतर छात्र रहा है, कक्षा 11 तक 85-93% अंक प्राप्त करता रहा था। हालांकि, मार्च 2023 में जब उसने कक्षा 12 की परीक्षा दी, तो वह अवसाद से जूझ रहा था, जिससे उसे 600 में से केवल 316 अंक ही मिले। याचिकाकर्ता ने कहा कि जुलाई 2023 से दिसंबर 2023 के बीच उसने मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र अस्पताल में चिंता और अवसाद का इलाज कराया था, जहाँ उसे IGD का पता चला। उन्होंने बताया कि इसी वजह से वह जुलाई 2023 में आयोजित पुन: परीक्षा में शामिल नहीं हो सका।
पानी में मिक्स करें ये चीज, खून साफ होगा, गंदे कोलेस्ट्रॉल की होगी छुट्टी – किशमिश का पानी
अपनी याचिका में, छात्र ने दावा किया कि वह हमेशा औसत से बेहतर छात्र रहा है और कक्षा 11 तक 85-93% अंक प्राप्त करता था। हालांकि, मार्च 2023 में कक्षा 12 की परीक्षा के दौरान वह अवसाद से पीड़ित था, जिससे उसे 600 में से केवल 316 अंक ही मिले। छात्र ने बताया कि जुलाई 2023 से दिसंबर 2023 के बीच उसने मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र अस्पताल में चिंता और अवसाद का इलाज कराया था, जहाँ उसे इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर (IGD) का पता चला। इस कारण वह जुलाई 2023 में पुन: परीक्षा में शामिल नहीं हो सका।
मार्च 2024 में होने वाली इंप्रूवमेंट परीक्षा में शामिल होने के उनके अनुरोध को कॉलेज ने अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट ने कहा कि मामले के विशिष्ट तथ्यों को देखते हुए, याचिकाकर्ता को अपने अंकों में सुधार करने का अवसर दिया जाना चाहिए, क्योंकि मेडिकल कारणों से वह पहले ऐसा करने में असमर्थ था। कोर्ट ने माना कि मेडिकल रिपोर्ट याचिकाकर्ता की इस दलील को पुष्ट करती हैं।
हाथ पैरों पर दिखते हैं खराब लिवर के ये लक्षण, ना करें इग्नोर
उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश के संभल जिले के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक को 11 जुलाई को निलंबित कर दिया गया था। जिला मजिस्ट्रेट ने उनके मोबाइल की गतिविधियों की ‘स्क्रबिंग’ (सेल रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से पहचानने की प्रक्रिया) की और पाया कि उन्होंने काम के दौरान एक घंटे से अधिक समय ‘कैंडी क्रश सागा’ खेलने में बिताया था।
इसी तरह, राजस्थान के अलवर में एक बच्चा, जिसे गंभीर झटके आने और PUBG और फ्री फायर जैसे ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान हारने के बाद अपना ‘मानसिक संतुलन’ खो बैठा था। उसे विशेष उपचार के लिए एक विशेष स्कूल में भेजा गया था।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.