Frequent Thirst: गर्मी के दिनों में अधिक प्यास लगना आम बात है। चिलचिलाती धूप और गर्म हवा के कारण बाहर निकलते ही कपड़े से लेकर गला तक मिनटों में सूख जाता है। गर्मी व अधिक पसीना निकलने से शरीर में पानी की भारी कमी हो जाती है जिस कारण अधिक प्यास (Frequent Thirst) लगती है और हम गर्मी के मौसम में तरल पदार्थ का अधिक सेवन करते हैं।
इसके अलावा एक्सरसाइज और मसालेदार सब्जी का सेवन भी आपको अधिक पानी (Frequent Thirst) पिला सकता है लेकिन इनके बाद भी किसी कारणवश आपका गला हमेशा सूखा रहता है अथवा आपको बार-बार प्यास (Frequent Thirst) लगती (Frequent Thirst) है तो यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है। अगर ऐसा आपके साथ भी होता है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए।
डायबिटीज
शरीर में कोशिकाओं के इंसुलिन प्रतिरोधी हो जाने पर किडनी को रक्त से शर्करा निकालने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस कारण बार-बार वॉशरूम जाना पड़ता है और नतीजन आप प्यासा महसूस करने पर पहले की तुलना में अधिक तरल पदार्थ का सेवन करने लगते हैं। बार-बार वॉशरूम जाना और अधिक प्यास लगना डायबिटीज के 2 प्रमुख लक्षण हैं। ऐसी स्थिति होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेकर डायबिटीज की जांच कराएं।
एनीमिया
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 60 प्रतिशत लोग एनीमिया से ग्रस्त हैं। इसका सबसे बड़ा कारण आयरन की कमी होता है। शरीर में आयरन की कमी होने पर खून कम बनने लगता है। शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी खून भी कम कर देती है जोकि धीरे-धीरे एनीमिया जैसी भयावह बीमारी उत्पन्न होने लगती है। ऐसा खराब जीवनशैली, खानपान तथा रक्तस्त्राव के कारण भी होता है। बार-बार प्यास लगना, गला सूखना एनीमिया का ही सामान्य संकेत है। थकान, चक्कर आना, अधिक पसीना आना इसके अन्य लक्षण हैं।
हाइपरकैल्सीमिया
शरीर में कैल्शियम का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ने को हाइपरकैल्सीमिया कहते हैं। हाइपरकैल्सीमिया का सबसे पहला लक्षण बार-बार प्यास लगना हो सकता है। वैसे तो कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करता है लेकिन रक्त में कैल्शियम की अधिक मात्रा हड्डियों को कमजोर भी बना सकती है और गुर्दे में पथरी की संभावना भी काफी हद तक बढ़ जाती है।
मुंह सूखना
लाल गं्रथियों के पर्याप्त मात्रा में लार यानि सलाइवा नहीं बनाने पर अधिक प्यास लगनी शुरू हो जाती है। ऐसी समस्या कुछ दवाइयों के सेवन या तंबाकू के उपयोग से भी हो सकती है। शुष्क मुंह के अन्य लक्षणों में थकान, सांस में दुर्गंध, स्वाद में बदलाव, मसूड़ों में जलन और खाना चबाने में परेशानी शामिल हैं।
गर्भावस्था
गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में कई लक्षण सामने आते हैं। इसमें सबसे पहले लक्षणों में से एक दर्द महसूस करना है। इस दौरान शरीर में रक्त प्रवाह तेज हो जाता है जो किडनी को अतिरिक्त तरल पदार्थ बनाने के लिए मजबूर कर देता है। एचसीजी हार्मोन का स्तर बढ़ने और शरीर के तरल पदार्थों में वृद्धि के कारण गर्भवती महिलाओं को बार-बार वॉशरूम जाना पड़ता है जिस कारण बार-बार प्यास भी लगती है। बार-बार वॉशरूम जाना गर्भावस्था के शुरूआती लक्षणों में से एक है।
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