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जिस जंगली फूल को पैरों से कुचल देते है लोग, इंसानों के लिए है वरदान, इन 5 खतरनाक बीमारियों को करता है छूमंतर

BY: Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : November 18, 2024, 3:54 pm IST
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जिस जंगली फूल को पैरों से कुचल देते है लोग, इंसानों के लिए है वरदान, इन 5 खतरनाक बीमारियों को करता है छूमंतर

Satyanashi Flower Benefits

India News (इंडिया न्यूज़), Satyanashi Flower Benefits: खरपतवार की तरह उगने वाले छोटे तने वाले कांटेदार पौधे सत्यानाशी को लोग अक्सर बेकार समझकर फेंक देते हैं, लेकिन बेकार समझे जाने वाला सत्यानाशी पौधा गुणों से भरपूर है। इस पौधे पर लगने वाले चमकीले पीले फूल बेहद आकर्षक होते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताया कि सत्यानाशी एक ऐसा पौधा है जो आमतौर पर बंजर जमीन पर बड़ी मात्रा में उगता है।

कई औषधीय उद्देश्यों के लिए फायदेमंद है सत्यानाशी पौधा

बता दें कि किसान इस पौधे को बेकार समझकर फेंक देते हैं। लेकिन आयुर्वेद में इस पौधे का इस्तेमाल लंबे समय से औषधीय उद्देश्यों के लिए किया जाता रहा है। इस पौधे को तोड़ने पर पीले रंग का दूध निकलता है जिसे स्वर्णशीर कहते हैं। अब औषधीय उद्देश्यों के लिए सत्यानाशी पौधे की खेती भी संभव हो गई है। चूंकि इस पौधे में छोटे-छोटे कांटे होते हैं, इसलिए लोग इसे सावधानी से तोड़ते हैं। इस पर लगने वाले फलों का इस्तेमाल कई अलग-अलग कामों में किया जाता है।

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इस पौधे का तना छोटा और हल्के हरे भूरे रंग का होता है। इस पौधे पर छोटे-छोटे कांटे होते हैं जो छूने पर शरीर में चुभते हैं। इसके फूल चमकीले पीले रंग के होते हैं और देखने में बहुत सुंदर लगते हैं। इसके फूलों में सरसों के दाने जैसे छोटे-छोटे बीज होते हैं। सत्यानाशी को तोड़ने पर उसमें से पीला दूध निकलता है और इसलिए इसे स्वर्ण खीर भी कहा जाता है।

इस बीमारियों के लिए है सत्यानाशी पौधा फायदेमंद

आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताया कि सत्यानाशी का पौधा छोटा और हरे रंग का होता है और इसका उपयोग औषधीय प्रयोजनों के लिए किया जाता है। इस पौधे के फल और बीज औषधीय गुणों से भरपूर माने जाते हैं। उन्होंने बताया कि सत्यानाशी के पौधे की जड़ को पानी में उबालकर काढ़ा पीने से खांसी से तुरंत राहत मिलती है। सत्यानाशी की जड़ के चूर्ण को सुबह-शाम गर्म पानी या गर्म दूध के साथ पीने से खांसी से राहत मिलती है। इसके अलावा सत्यानाशी को पानी में भिगोकर काढ़ा बनाकर पीने से तुरंत राहत मिलती है।

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डॉक्टरों का कहना है कि सत्यानाशी के बीजों के तेल से शरीर पर मालिश करने और इसके पत्तों का रस दूध में मिलाकर सुबह-शाम पीने से नाक और कान से खून आना बंद हो जाता है और कुष्ठ रोग में भी आराम मिलता है। इसके अलावा सत्यानाशी का दूध घाव पर लगाने से पुराने घाव भी भर जाते हैं। सत्यानाशी का रस घाव भरने की औषधि माना जाता है। इसके तेल की कुछ बूंदों को गसोंठ में मिलाकर सेवन करने से शरीर के सभी अंगों का दर्द ठीक हो जाता है। इसे बदन दर्द दूर करने की औषधि माना जाता है।

 

 

Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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