India News (इंडिया न्यूज), Bloody Piles Solution: बवासीर (Hemorrhoids) एक आम समस्या है, जो पेट के खराब पाचन और कब्ज की वजह से उत्पन्न होती है। यह गुदा (Anus) और उसके आसपास के क्षेत्र में सूजन और दर्द का कारण बनता है। बवासीर के इलाज में अक्सर देरी होने से मस्से बन जाते हैं और इनमें खून निकलने की समस्या बढ़ जाती है। इस लेख में हम बवासीर के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार के बारे में जानेंगे।
बवासीर के कारण (Causes of Piles)
- कब्ज: बवासीर का मुख्य कारण कब्ज है। जब व्यक्ति का पाचन ठीक नहीं होता, तो मल ज्यादा सूखा और कठोर हो जाता है। शौच करते समय अधिक दबाव डालने से गुदा पर घाव और मस्से बन सकते हैं।
- अधिक मसालेदार और तला हुआ भोजन: अधिक मिर्च-मसाले और तला-भुना खाना खाने से पाचन खराब होता है और कब्ज की समस्या पैदा होती है। इससे गुदा में सूजन और मस्से बनने का खतरा बढ़ता है।
- ज्यादा बल लगाना: शौच के दौरान अत्यधिक बल लगाना गुदा के अंदर के रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और मस्सों को उत्पन्न करता है।
- ठंडी और गीली जगह पर रहना: लंबे समय तक ठंडी और गीली जगह पर बैठने से भी बवासीर की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- शारीरिक श्रम की कमी: शारीरिक गतिविधि और व्यायाम की कमी से पेट की समस्याएँ बढ़ सकती हैं और कब्ज की समस्या हो सकती है।
- अधिक समय तक बैठना: लंबे समय तक बैठने की आदत (विशेषकर ऑफिस वर्क) भी बवासीर के कारणों में एक है।
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बवासीर के लक्षण (Symptoms of Piles)
- गुदा में मस्से: बवासीर के मुख्य लक्षण गुदा के आसपास मस्से का निकलना है।
- मल के साथ खून आना: खूनी बवासीर में मल के साथ खून की बूंदें निकलती हैं, जो कभी-कभी मल के साथ रेखा के रूप में होती हैं।
- दर्द और जलन: बवासीर से गुदा में सूजन और जलन होती है, जिससे बैठने या खड़े होने में दर्द होता है।
- आंखों के सामने अंधेरा छाना और चक्कर आना: गंभीर बवासीर के कारण रक्तस्राव से चक्कर आ सकते हैं।
- स्मरण शक्ति में कमी: लगातार खून की कमी और दर्द के कारण मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ सकता है।
- चलने में दिक्कत: बवासीर के कारण चलने में भी परेशानी हो सकती है क्योंकि गुदा में सूजन होती है।
बवासीर के इलाज में देरी के कारण (Reasons for Delay in Treatment)
बवासीर का इलाज समय पर न होने पर मस्से गंभीर हो सकते हैं और इनमें सूजन बढ़ सकती है। अगर इन मस्सों को सही समय पर उपचार नहीं मिलता, तो वे फट सकते हैं, जिससे खून, मवाद और गंदगी निकलने लगती है। इस स्थिति में संक्रमण और दर्द की समस्या भी बढ़ सकती है।
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चमत्कारी घरेलू उपचार (Home Remedies for Piles)
- गोभी का रस (Cabbage Juice)
जंगली गोभी के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें। इस रस को बवासीर पर दिन में 3-4 बार लगाने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है। यह उपचार एक सप्ताह में बवासीर को ठीक करने में मदद करता है।
- कपूर और अन्य जड़ी-बूटियाँ (Camphor and Herbs)
- 10 ग्राम कपूर, रसौत, चाकसू और नीम के फूल लेकर इनका चूर्ण बना लें।
- मूली को लंबाई में काटकर उसमें यह चूर्ण भरकर कपड़े में लपेट लें।
- फिर इस मूली को आग पर भून लें और बाद में इसे पत्थर पर पीसकर मटर के दाने के आकार की गोलियाँ बना लें।
- इन गोलियों को रोज सुबह खाली पेट पानी के साथ लेने से बवासीर में राहत मिलती है और एक सप्ताह में सुधार होता है।
- हरसिंगार का उपयोग (Harsingar for Piles)
- 2 ग्राम हरसिंगार के फूलों को रातभर 30 ग्राम पानी में भिगो दें।
- सुबह उसे मसलकर छान लें और उसमें 1 चम्मच चीनी मिलाकर खाली पेट खा लें।
- इसे 1 सप्ताह तक रोजाना खाने से बवासीर में राहत मिलती है।
- दूसरी विधि में, हरसिंगार के 10 ग्राम बीजों को काली मिर्च के साथ पीसकर चने के आकार की गोलियाँ बना लें और इन्हें सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ लें। इससे बवासीर में सुधार होता है।
- हरसिंगार के बीजों को छीलकर गुदा पर लेप करने से बवासीर ठीक हो सकती है, खासकर बादी बवासीर में यह प्रभावी है।
- आंवला (Amla)
आंवला एक प्राकृतिक इलाज है जो कब्ज को ठीक करता है और पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखता है। आंवला चूर्ण को गर्म पानी के साथ नियमित रूप से लेने से बवासीर में आराम मिलता है।
- तुलसी (Tulsi)
तुलसी के पत्तों का रस बवासीर की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। इसे शहद के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
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बवासीर एक दर्दनाक और असहज स्थिति हो सकती है, लेकिन समय पर उपचार और सही खानपान से इसे ठीक किया जा सकता है। कब्ज को नियंत्रित करना, संतुलित आहार लेना और पर्याप्त जल का सेवन करना बवासीर को रोकने में मदद करता है। यदि घरेलू उपायों से राहत न मिले, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है ताकि उपचार सही समय पर शुरू किया जा सके।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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