India News ( इंडिया न्यूज ), Health News : कर्नाटक के बेंगलुरू शहर में लोगों की थाली तक पहुंच रही सब्जियां गंदे और बेकार पानी में उगाई जा रही है। जिसमें की खतरनाक और जहरीले केमिकल होते है। बता दें कि एक सरकारी एजेंसी ने बेंगलुरू की छोटी-छोटी दुकानों से कुछ नमूने इकट्ठे किए गए। उसके बाद उनकी जांच कि गई, जांच में पता चला कि बेंगलुरू में जो भी सब्जियां उगाई जा रही है। उनमें ज्यादातर सब्जियां घरों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले वेस्ट वॉटर यानी गंदे और प्रदूषित पानी में उगाई जा रही हैं जो सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक हैं। वहीं गंदें पानी में उगाई जा रही सब्जियां की वजह से लोगों के शरीर पर काफी हानिकारक हो सकती है साथ ही इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती है। जैसे कि किडनी, लीवर और कैंसर आदि।
रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
बता दें कि पर्यावरण प्रबंधन और नीति अनुसंधान संस्थान (ईएमपीआरआई) के शोधकर्ताओं ने शहर के बाजारों में बिक रहीं 10 सब्जियों के 400 नमूनों का परीक्षण किया था। जिसमें उन सब्जियों में खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा निर्धारित सीमा से ऊपर कंटैमिनेशन पाया गया।
वहीं बेंगलुरु पूरे कर्नाटक का पांचवा सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है जहां कोलार, चिक्कबल्लापुर, रामानगर और बेंगलुरु ग्रामीण के इलाकों के किसान सब्जियों की सप्लाई करते हैं। आपको बता दें कि अकेले हॉपकॉम्स (किसानों से बाजार तक सब्जियों की सप्लाई का काम संभालने वाली एक एजेंसी) 70 टन सब्जियां वितरित करता है जबकि शहर की बाकी आबादी पुशकार्ट से लेकर सुपरमार्केट जैसी निजी छोटी-बड़े स्टोर पर निर्भर करती है।
कई स्टोर से लिए गए थे नमूने
बता दें कि 20 सब्जियों की दुकानों से नमूने लिए गए थे। जिसमें कि बैंगन, टमाटर, शिमला मिर्च, सेम, गाजर, हरी मिर्च, प्याज, आलू, पालक और धनिया समेत 10 सब्जियों के नमूनों लिए गए थे।
सब्जियों में पाई गई ये खतरनाक धातुएं
बते दें कि इनमें कुछ धातु सेहत के लिए बेहद खतरनाक होती हैं जैसे कैडमियम जो लीवर और फेफड़ों में विषाक्तता पैदा कर सकता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को खराब कर सकता है। सीसा (लीड) जो जहर के समान है, उसकी मात्रा किसी भी खाद्य पदार्थ में 0.3 मिलीग्राम/किग्रा से अधिक नहीं होनी चाहिए।
वहीं इस रिसर्च में सब्जियों में हेवी मेटल्स पाए गए हैं जो मानव शरीर के लिए सही नहीं है। साथ ही रिसर्च में यह भी सुझाव दिया गया है कि खेती के लिए वेस्ट वॉटर का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। और किसानों को भी ऐसे गंदे पानी से फसलों की सिंचाई या बुआई जैसे कामों के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
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