HIV Treatment in Hindi देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलुरु के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीकी ईजाद करने का दावा किया है जिसकी मदद से अब एचआईवी मरीजों का इलाज हाइड्रोजन सल्फाइड गैस की मदद से किया जाएगा। हाइड्रोजन सल्फाइड शरीर में एचआईवी के वायरस को वृद्धि करने से रोक देगा। हाइड्रोजन सल्फाइड सीधे वायरस पर हमला करेगा जिसके कारण वायरस मल्टीप्लाई नहीं हो पाएगा।
इस खोज के बाद वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि हाइड्रोजन सल्फाइड के माध्यम से ऐसी एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी विकसित हो सकेगी जो एचआईवी के खिलाफ प्रभावी भूमिका निभाएगी। आईआईएससी के माइक्रोबायोलॉजी और सेल बायोलॉजी विभाग के शोधकर्ताओं के साथ-साथ इस अध्ययन में बेंगलोर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता भी शामिल थे। यह अध्ययन ईलाइफ जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
आईआईएससी ने एक बयान में कहा है कि वर्तमान में जो एचआईवी के लिए जिस एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है वह एचआईवी को पूरी तरह से ठीक नहीं करता है। यह वायरस को सिर्फ दबा देता है। वायरस मरीज के शरीर में कहीं न कहीं छुपे रहते हैं। कुछ मामलों में तो वर्तमान एंटीरेट्रोवायर थेरेपी यानी एआरटी पूरी तरह से विफल हो जाता है।
इसके अलावा वर्तमान एआरटी के साथ एक और दिक्कत यह है कि कभी-कभी इस कारण शरीर में टॉक्सिक केमिकल बनने लगता है जिसके कारण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ने लगता है और सेल्स के अंदर माइटोकॉन्ड्रिया भी काम करना बंद कर देता है। माइटोकॉन्ड्रिया सेल का पावरहाउस है जिसमें ऊर्जा का उत्पादन होता है। इससे कोशिकाओं में सूजन होने लगती है और शरीर के कई अंग खराब होने लगते हैं। हालांकि एआरटी को बंद करना भी कोई विकल्प नहीं है क्योंकि तब वायरस शरीर के हर हिस्से में पहुंच कर तबाही मचाना शुरू कर सकते हैं। (HIV Treatment in Hindi)
आईआईएससी के प्रोफेसर अमित सिंह ने बताया कि वैज्ञानिकों ने हाल ही में वर्तमान एआरटी के इस दोष को ध्यान में रखते हुए यह परखने की कोशिश की कि एचआईवी संक्रमित कोशिकाओं पर हाइड्रोजन सल्फाइड का असर कैसा होता है। इसके अलावा ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और माइटोकॉन्ड्रिया के डिसफंक्शन को भी मापने की कोशिश की गई।
इसके बाद पाया गया गया कि एन-एसिटाइलसिस्टीन नाम का एक केमिकल एजेंट एचआईवी की छुपी हुई कोशिकाओं को भी निष्क्रिय करने में सक्षम है। इससे वायरस में दोबारा पनपने की क्षमता खत्म हो जाती है। प्रोफेसर अमित सिंह ने बताया कि एक जर्मन अध्ययन में भी यह बात सामने आई है कि हाइड्रोजन सल्फाइड के रिलीज होने से एन-एसिटाइलसिस्टीन आंशिक रूप से एचआईवी कोशिकाओं को निष्क्रिय करता है। (HIV Treatment in Hindi)
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