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Risk of Falls in Elderly: गिरने से कई अनजाने में चोटें लग सकती हैं और बुजुर्गों में, इसके साथ एक अतिरिक्त जोखिम भी होता है. नई रिसर्च एक महत्वपूर्ण कारक पर प्रकाश डालती है जो गिरने के जोखिम को बढ़ा सकता है. JAMA हेल्थ फोरम के एक लेख के अनुसार, कुछ प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाएं दिमाग पर असर डालती हैं और गिरने का खतरा बढ़ा देती हैं. ये दवाएं लोगों को नींद दिला सकती हैं और बैलेंस कोऑर्डिनेशन को खराब कर सकती हैं. ज्यादा चिंता की बात यह है कि ओपिनियन पीस के अनुसार, पिछले कुछ दशकों में ये दवाएं बुजुर्गों को बहुत ज़्यादा प्रिस्क्राइब की गई हैं.
दवाओं के चार वर्ग जो गिरने का खतरा बढ़ा सकते हैं, वे हैं:
- ओपिओइड्स- ऑक्सीकोडोन, हाइड्रोमोर्फोन
- बेंजोडायजेपाइन- हाइड्रोमोर्फोन, अल्प्राजोलम
- गैबापेंटिनोइड्स- न्यूरोन्टिन, होराइज़ेंट, ग्रैलाइज़
- एंटीडिप्रेसेंट- सिटालोप्राम, सेर्ट्रालाइन
ये बताई गई दवाएं दिमाग के काम करने के तरीके पर असर डालती हैं, जिससे लोगों को नींद आती है, चक्कर आते हैं, या भ्रम होता है. ये मानसिक और शारीरिक प्रभाव लोगों को गिरने के प्रति ज़्यादा कमज़ोर बना सकते हैं. चेतावनी के संकेत जो गिरने के जोखिम का संकेत दे सकते हैं
- दिन में नींद आना
- याददाश्त में कमी
- भ्रम
- धुंधला दिखना
- अचानक चक्कर आना
क्या इसे रोकने का कोई तरीका है?
इस मामले में बुजुर्ग सबसे कमज़ोर समूह हैं. बुजुर्गों में इन दवाओं के इस्तेमाल को कम करने के हालिया प्रयासों के बावजूद, यह अभी भी एक गंभीर समस्या है, हार्वर्ड से जुड़े बेथ इजराइल डेकोनेस मेडिकल सेंटर में जेरोन्टोलॉजी की प्रमुख डॉ. सारा बेरी कहती हैं. हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, जो लोग ये दवाएं ले रहे हैं, उन्हें अचानक बंद करने से चीजें और जटिल हो सकती हैं। हेल्थकेयर प्रोफेशनल से सलाह लेना सबसे पहला कदम है क्योंकि यह इन दवाओं की जरूरत के बारे में स्पष्टता प्रदान कर सकता है. दवाएं महत्वपूर्ण हैं, लेकिन साइड इफेक्ट्स पर भी उतना ही ध्यान देना चाहिए और समय पर उनका समाधान किया जाना चाहिए.