इंडिया न्यूज, Health Tips in Hindi: एक डायबिटीज रोगी के लिए अपना ब्लड शुगर लेवल मैनेज करना सबसे बड़ी चुनौती है। एक बार अगर ये बीमारी पकड़ लेती है तो सबसे पहले खानपान में ही प्रतिबंध लगता है। इस बीमारी के होने पर उन सभी फूड आइटम्स को खाने से परहेज करना चाहिए, जिनके सेवन से डायबिटीज यानी शुगर लेवल बढ़ जाता है। अक्सर खानपान को लेकर शुगर मरीजों में एक शंका बनी रही रहती है। तो चलिए जानेंगे खान-पान में बदलाव करके हम डायबिटीज से जुड़ी अन्य बीमारियों के खतरे को कैसे कम कर सकते हैं।
आड़ू एक ऐसा फल है, जिसका सेवन डायबिटीज के मरीज कर सकते हैं. इसमें फाइबर अधिक होता है। विटामिन ए, सी, पोटैशियम से भरपूर यह फल अचानक से ही एक बार में ब्लड शुगर बढ़ा देता है। आड़ू में मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड डायबिटीज के कारण होने वाले मोटापे और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी लड़ सकता है। आड़ू हर दिन खाने से सूजन, प्रतिरक्षा प्रणाली और पाचन में सुधार करने में भी मदद कर सकता है।
चावल से बना डोसा आमतौर पर काफी लोकप्रिय है। लेकिन रागी डोसा भी कुछ कम नहीं, चूंकि इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, इसलिए यह मधुमेह के रोगियों के लिए एक बेहतरीन आहार है।
एक प्रकार का अनाज एक लस मुक्त अनाज है जो विटामिन, खनिज और प्रोटीन से भरपूर होता है। यह मधुमेह रोगियों के लिए एक स्वस्थ आहार है। कट्टू के आटे की रोटी आमतौर पर नवरात्रि के व्रत में खाई जाती है।
सेब फाइबर और न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है, लेकिन फ्रुक्टोज में सबसे कम होता है। सेब भी एक बेहतरीन फल है, जिसे डायट में शामिल करना चाहिए। इसमें घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं, जो कब्ज से बचाते हैं. देर तक पेट भरे होने का अहसास कराते हैं। फाइबर पाचन प्रक्रिया और चीनी के अवशोषण को भी धीमा कर देता है। इसका मतलब है कि चीनी ब्लडस्ट्रीम में धीरे-धीरे प्रवेश करती है और ब्लड शुगर लेवल को नहीं बढ़ाती है।
अंडे को खाने का सबसे हेल्दी तरीका है इसे उबालना, क्योंकि इसमें आॅमलेट की तरह तेल का इस्तेमाल नहीं होता है। तेल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है जो मधुमेह रोगियों के लिए हानिकारक है।
पत्तेदार हरी सब्जियां बेहद पौष्टिक और कैलोरी में कम होती हैं। हरी सब्जियां सुपाच्य कार्ब्स या शरीर द्वारा अवशोषित कार्ब्स में भी बहुत कम हैं, इसलिए वे रक्त शर्करा के स्तर को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं करती हैं। पालक , केल और अन्य पत्तेदार साग विटामिन सी सहित कई विटामिन और खनिजों के अच्छे स्रोत हैं।
काले चने हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं। इसे रातभर पानी में भीगने के लिए छोड़ दें और सुबह उठने के बाद इसे मधुमेह के रोगियों को खिलाएं।
पपीता खाकर आप ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकते हैं। पपीते का शरीर पर हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव हो सकता है। इसमें फ्लेवोनॉएड्स भी होते हैं, जो एक नेचुरल एंटीआॅक्सिडेंट हैं। यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद एंटीआॅक्सिडेंट कोशिका क्षति को रोक सकते हैं। वजन को बढ़ने नहीं देते हैं। कम कैलोरी वाला फल विटामिन बी, फोलेट, पोटैशियम और मैग्नीशियम से भी भरपूर होता है।
एलोवेरा का इस्तेमाल आमतौर पर त्वचा की खूबसूरती बढ़ाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसकी मदद से शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए एक गिलास पानी में एलोवेरा जेल, भुना जीरा, स्वादानुसार नमक और पुदीने की पत्तियां मिलाकर पिएं।
कम कैलोरी और फाइबर से भरपूर अमरूद को धीरे-धीरे पचाया जा सकता है। यह कोशिकाओं द्वारा धीरे-धीरे अवशोषित किया जा सकता है। यह भी अन्य फलों की तरह ब्लड शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता है। इसमें संतरे की तुलना में 4 गुना अधिक विटामिन सी होता है। इसके अलावा, इसमें सोडियम की मात्रा कम और पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है। ये पोषक तत्व प्रतिरक्षा को बढ़ाने और क्रोनिक डिजीज के विकास के जोखिम को कम करने में भी फायदेमंद होते हैं।
आयुर्वेद में वर्षों से जामुन को इंसुलिन संवेदनशीलता को ठीक करने के लिए किए इस्तेमाल किया जाता है। इस फल में शुगर की मात्रा कम होती है। यदि आप इसका सेवन हर दिन करते हैं, तो काफी हद तक ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखा जा सकता है। दरअसल, कुछ काले फलों में मौजूद कम्पाउंड और एंटीआॅक्सीडेंट स्टार्च को ऊर्जा में बदलने और ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद करते हैं।
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