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India News (इंडिया न्यूज), How to Cure Fatty Liver: आजकल फैटी लिवर की समस्या आम हो गई है और हर दूसरा व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है। फैटी लिवर की समस्या सिर्फ नशे के आदी लोगों में ही नहीं बल्कि बच्चों में भी देखने को मिलती है। फैटी लिवर का सबसे बड़ा कारण गलत खान-पान है। यह बीमारी ज्यादा खाने या तला-भुना और मसालेदार खाना खाने से भी होती है। इसके अलावा शराब का सेवन करने से भी फैटी लिवर का खतरा बढ़ जाता है।
फैटी लिवर की समस्या होने पर लिवर ठीक से काम करना बंद कर देता है। शुरुआत में इस समस्या का पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है। अगर आपको लंबे समय तक थकान, पेट में दर्द, भूख न लगना, वजन कम होना आदि लक्षण महसूस होते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर इस बीमारी का समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकती है।
फैटी लिवर की समस्या लिवर में अधिक फैट जमा होने के कारण होती है। इस स्थिति के कारण शरीर में मौजूद कैलोरी लिवर की कोशिकाओं में फैट के रूप में जमा होने लगती है। ऐसी स्थिति में लिवर में सूजन आ जाती है। फैटी लिवर की समस्या उन लोगों में अधिक होती है जिन्हें डायबिटीज है या जिनका वजन अधिक है।
फैटी लिवर की समस्या होने पर पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द और भारीपन महसूस होता है। इसके अलावा भूख न लगना, जी मिचलाना, वजन कम होना, त्वचा और आंखों का पीला पड़ना, पेट और पैरों में सूजन जैसे लक्षण दिखने लगते हैं।
अगर फैटी लिवर सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इससे लिवर फेल होने का खतरा बढ़ जाता है। फैटी लिवर की वजह से सिरोसिस या लिवर कैंसर, डायबिटीज, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का भी खतरा ज्यादा रहता है।
इसके कुल 3 ग्रेड होते हैं। इसके ग्रेड या स्टेज बीमारी की गंभीरता को दर्शाते हैं। ग्रेड 1 फैटी लिवर इस समस्या की शुरुआत है। ग्रेड 2 में लिवर की कोशिकाओं में वसा की मात्रा अधिक होती है और लिवर ठीक से काम नहीं करता। ग्रेड 3 फैटी लिवर सबसे खतरनाक माना जाता है। इसमें सिरोसिस, लिवर कैंसर और लिवर फेलियर का खतरा रहता है।
जो लोग बहुत ज़्यादा शराब पीते हैं, उन्हें एल्कोहॉलिक फैटी लिवर की समस्या होती है। वहीं, नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज एक ऐसी लिवर की समस्या है, जो उन लोगों में होती है, जो शराब बिल्कुल नहीं पीते या बहुत कम पीते हैं। अगर नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर वाले लोग रोज़ाना एक्सरसाइज़ करें और हेल्दी डाइट के साथ-साथ हर दूसरे दिन उपवास रखें, तो उनकी समस्या दूर हो सकती है।
मीठा न खाएं। अगर आपको मीठा खाना है, तो आप एक या दो खजूर खा सकते हैं। इसके अलावा, आप फलों का सेवन कर सकते हैं। यह भी आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद रहेगा।
18 से 20 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को दिन में एक बार ग्रीन टी या ब्लैक कॉफ़ी का सेवन ज़रूर करना चाहिए। इससे लिवर की कार्यप्रणाली बेहतर होती है। नींबू और आंवला में विटामिन सी पाया जाता है, जिसमें बहुत अच्छे एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण लिवर को होने वाले नुकसान को रोकने में मदद करता है।
आपको अपने लिवर को कुछ समय देना चाहिए। इसके लिए आप इंटरमिटेंट फास्टिंग का सहारा ले सकते हैं। सूर्योदय के बाद कम से कम 3 से 4 घंटे तक कुछ न खाएं और रात में हल्का भोजन करें।
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Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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