India News (इंडिया न्यूज़), Whey Protein Side Effects: हृष्ट-पुष्ट और आकर्षक शरीर पाने के लिए आज कल के युवक जिम जाते हैं और साथ ही प्रोटीन पाउडर का सेवन करते हैं। इसके साथ ही एक सख्त डाइट भी फॉलो करले हैं। जिम जाने के लिए और एक अच्छा शरीर बनाने के लिए युवा सोचते हैं कि प्रोटीन पाउडर बहुत ज़रूरी है। हाँ, प्रोटीन ज़रूरी है पर अनाज से मिलने वाला प्रोटीन और प्रोटीन पाउडर दोनों में काफी अंतर है। जब अनाज से पर्यापत प्रोटीन नहीं ले पाते तो प्रोटीन पाउडर का सेवन करते हैं।
आपको बता दें कि प्रोटीन पाउडर दूध, छाछ सोया से बना एक सूखा पाउडर होता है, आज कल तो इस पाउडर को मटर से भी बनाया जाता है। इसमें ग्लोबुलर प्रोटीन होता है जो कि liquid सामाग्री से तैयार किया जाता है। ये ग्लोबुलर प्रोटीन शरीर को फायदा पहुंचाने से ज़्यादा नुकसान पहुंचाता है।
जिम जाते युवक काफी मात्रा प्रोटीन पाउडर लेते हैं। एक तरह से देखा जाए तो सही भी है, क्योंकि जिम में हैवी वर्कआउट करना होता है और muscles build करने के लिए प्रोटीन तो चाहिए ही। लेकिन, ये प्रोटीन पाउडर शरीर को शुरुआती दिनों में तो अच्छा बना देता है पर धीरे-धीरे इसके नुकसान दिखने लगते हैं। आसान भाषा में कहें तो ये प्रोटीन पाउडर एक धीमा ज़हर है।
Whey और Casein दो तरह का प्रोटीन पाउडर मार्केट में उपलब्ध हैं। दोनों Amino Acids के अच्छे स्त्रोत होते हैं। Whey प्रोटीन पचने में काफी आसान होता है तो वहीं Casein प्रोटीन पचने में काफी समय लेता है। लेकिन Whey प्रोटीन में ही ग्लोबुलर प्रोटीन होता है जो कि शरीर को फायदा पहुंचाने से ज़्यादा नुकसान पहुंचाता है।
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1. कुछ प्रोटीन पाउडर में ज़हरीले धातु जैसे सीसा, आर्सेनिक, कैडमियम और पारा मौजूद होते हैं, जिनकी वजह से मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकान, सिरदर्द और कब्ज़ जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
2. कई प्रकार के हॉर्मोन्स और पेपटाइड्स होने के कारण मंहासों की समस्या बढ़ सकती है।
3. प्रोटीन पाउडर के सेवन से बॉडी में न्यूट्रिशन की मात्रा में असंतुलन पैदा हो सकती है। प्रोटीन पाउडर में ज़्यादा मात्रा में प्रोटीन ही होता है और उसका सेवन करने से शरीर को अधिक मात्रा में प्रोटीन मिलता है जिससे न्यूट्रिशन की मात्रा में असंतुलन पैदा हो सकता है।
4. कुछ ‘वे’ प्रोटीन में शक्कर के रूप में बपुत ज़्यादा कार्बाेहाइड्रेट होता है जो फैट घटाने की जगह बढ़ाते हैं। ज़्यादा सेवन करने से हृदय सम्बंधी बीमारी, पेट से जुड़ी बीमारीयां हो सकती हैं। इतना ही नहीं, हड्डियों का कमज़ोर होना और किडनी संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।
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5. वर्कआउट के बाद प्रोटीन पाउडर से शरीर में इंसुलिन की मात्रा में अचानक से बढ़ोतरी होती है और प्रतिदिन शरीर में इंसुलिन की मात्रा में असंतुलन होने से आगे के लिए ख़तरनाक हो सकता है।
6. ‘वे’ प्रोटीन हमारे रक्त में pH लेवल को कम करता है जो कि 7.35 से 7.45 के बीच होना चाहिए। ‘वे’ प्रोटीन पशुओं के दूध से बना होता है जो कि एसिडिक होता है। इससे हमारे रक्त में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है।
अपने युवा दोस्तों की बातों में न आएं क्योंकि यह बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है। ‘वे’ प्रोटीन एक संतुलित आहार नहीं है। जो प्रोटीन आपको अनाज खाकर मिलेगा वो ‘वे’ प्रोटीन से कभी नहीं। प्राकृतिक प्रोटीन के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स को उपयोग करें। कददू के बीज, पनीर, मक्खन, सूखे मेवे, दही भी प्रोटीन से भरे होते हैं।
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