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Mental Health Tips : रिचर्स में दावा किया गया है कि आपके मानसिक स्वास्थ्य यानी मेंटल हेल्थ पर जेनेटिक रिस्क यानी आनुवंशिक जोखिम इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप किस जगह रह रहे हैं। अनुवांशिक जोखिम का अर्थ है कि अगर आपके परिवार में यानी माता-पिता में से किसी को भी कोई मानसिक समस्या है, तो उससे आपको कितना खतरा है। किंग्स कॉलेज लंदन की शोधकर्ता जेसी मैक्सवेल ने कहा कि किसी न किसी लेवल पर व्यक्ति के जीन अपने पर्यावरण का चयन करते हैं, और मेंटल हेल्थ पर पर्यावरण और आनुवंशिक प्रभावों के बीच पारस्परिक संबंध होते हैं। (Mental Health Tips)
इसलिए जब भी मेंटल हेल्थ के रिस्क के आकलन का कोई मॉडल बनाया जाए, तो इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए। यह निष्कर्ष जेएएमए साइकाइअट्री जर्नल में प्रकाशित हुआ है। ये रिसर्च एनआईएचआर नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च के मौडस्ले बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर के सहयोग से किया गया है। इस स्टडी के में बायो बैंक के 3,85,793 सहभागियों के अनुवांशिक डेटा यानी जीनेटिक डेटा का पीआरएस यानी पोलीजेनिक रिस्क स्कोर के आधार पर मेंटल हेल्थ के संबंध में आकलन किया गया। पीआरएस व्यक्तिगत जीन के लेवल पर पूरे जीनोम के असर का आकलन करता है।
इस अध्ययन में 1931 से लेकर 2011 के ब्रिटिश जनगणना के आंकड़े लिए गए। यह देखा गया कि इस दौरान लोग किस क्षेत्र से अन्य क्षेत्र में रहने के लिए गए और वहां की भौगोलिक स्थिति कैसी रही। इसमें पाया गया कि जो लोग ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में रहने आए, उनमें सिजोफ्रेनिया, बाइपोलर डिसआर्डर, ऑटिज्म का आनुवंशिक जोखिम कम हुआ, जबकि जो लोग गांव में ही रहे थे उनमें ये रिस्क ज्यादा था।
इस रिसर्च के प्रमुख लेखक और किंग्स कॉलेज लंदन के रिसर्च फेलो व कंसल्टेंट साइकेट्रिस्ट डॉ इवांजेलोस वासोस ने कहा कि स्टडी इस बात के ज्यादा साक्ष्य प्रस्तुत करती है कि विभिन्न मानसिक विकारों के लिए अनुवांशिक दायित्व किसी व्यक्ति के पर्यावरण की पसंद में योगदान दे सकता है। इवांजेलोस वासोस ने कहा कि ये निष्कर्ष मेंटल हेल्थ कंडीशंस के डेवलपमेंट में एनवायरमेंट के अहम रोल को नकारते नहीं हैं, लेकिन यह एक सुझाव देता भी है कि मनोविकारों के कारणों की खोज करते समय हमें ज्यादा एकीकृत दृष्टिकोण की जरूरत होती है। (Mental Health Tips)
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