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India News (इंडिया न्यूज), Monkeypox Infection: मध्य और पूर्वी अफ्रीका में मंकीपॉक्स (एम्पॉक्स) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने इस संक्रामक रोग को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। इस बीमारी के खतरे का डर अब भारत के लोगों को भी सताने लगा है। कुछ साल पहले हुए कोविड-19 के भीषण संक्रमण का डर अभी भी लोगों के मन में है, जिसके कारण लोगों को डर है कि एम्पॉक्स भी कोविड-19 जैसा साबित होगा।
हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन आशंकाओं को खारिज किया है। इसके बावजूद स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस बीमारी के फैलने का खतरा कम है। भारत सरकार अतिरिक्त सावधानी बरतने पर विचार कर रही है। जनवरी 2022 से अब तक भारत में मंकीपॉक्स के केवल 30 मामले सामने आए हैं। हाल ही में केरल में एम्पॉक्स का मामला सामने आया है।
एम्पॉक्स एक संक्रामक रोग है, जो वायरस के संपर्क में आने से होता है। वायरस के शुरुआती लक्षण बुखार, सिरदर्द, सूजन, कमर दर्द और मांसपेशियों में दर्द हैं। इसके बाद जब मरीज का बुखार उतरता है तो उसके शरीर पर चकत्ते निकल आते हैं। ये शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैल जाते हैं। संक्रमण आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है और 14 से 21 दिनों तक रहता है। गंभीर मामलों में पूरे शरीर और खास तौर पर मुंह, आंख और जननांगों पर घाव हो जाते हैं। वायरस आंख, श्वसन मार्ग, नाक या मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है। Monkeypox Infection
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मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित जानवरों जैसे बंदर, चूहे और गिलहरी के संपर्क में आने से भी यह हो सकता है। सबसे ज्यादा प्रभावित वे लोग होते हैं जो कई पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं या समलैंगिक होते हैं। यौन रूप से सक्रिय लोग भी इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं। इस बार डीआर कांगो में मंकीपॉक्स वायरस का प्रसार ज्यादातर यौन संपर्क के कारण हुआ है, लेकिन यह अन्य समुदायों में भी पाया गया है। डीआर कांगो में मंकीपॉक्स का पहला मामला 1970 में सामने आया था।
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