Namaste: हिंदू धर्म में नमस्ते करने का अपना ही अलग महत्व है. जब भी किसी बड़े से मिलते हैं, तो उन्हें अभिवादन करने के लिए दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते करते हैं. हालांकि नमस्ते करना केवल अभिवादन नहीं है. ये हाथ जोड़कर हृदय चक्र पर किया जाने वाला एक ऐसा इशारा है, जो विनम्रता के साथ ही आत्मा का सम्मान और दूसरों के भीतर की दिव्यता को स्वीकार करता है. इससे आध्यात्मिक जुड़ाव बढ़ता है. साथ ही ये सनातन विज्ञान और संस्कृति का भी गहरा प्रतीक माना गया है.
देश ही नहीं विदेशों में भी ‘नमस्ते’ को लेकर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. साल 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में 2020 में नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम किया गया था. इस दौरान ट्रंप और पीएम नरेन्द्र मोदी ने एक दूसरे को नमस्ते किया था. इसके अलावा हाल ही में ओमान के उप प्रधानमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विदाई देते समय ‘नमस्ते’ किया गया था. ये भारतीय कूटनीति में ‘नमस्ते’ के बढ़ते प्रतीकात्मक महत्व को दर्शाता है.
नमस्ते का सनातन विज्ञान और आध्यात्मिक पहलू
- नमस्ते का अर्थ होता है, ‘मैं आपको नमन करता हूँ’ या ‘आपमें स्थित परमात्मा को प्रणाम’. इससे आप दूसरे व्यक्ति के अंदर की पवित्र शक्ति या परमात्मा को प्रणाम करते हैं. ये एकता का प्रतीक भी माना जाता है.
- कहा जाता है कि नमस्ते करने से अहंकार दूर होता है. साथ ही विनम्रता और आत्मिक सम्मान भाव आता है.
- नमस्ते को ब्रह्मांड के साथ एक गहरे संबंध का प्रतीक भी माना जाता है. ये योग और ध्यान का भी हिस्सा है.
नमस्ते का वैज्ञानिक पहलू
- नमस्ते करना स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है. अन्य देशों में किसी से मिलते समय हाथ मिलाते हैं, लेकिन हमारे देश में अपने दोनों हाथ जोड़कर अभिवादन करते हैं. ऐसे में नमस्ते, हाथ मिलाने की तुलना में बैक्टीरिया और वायरस को फैलने से रोकता है. महामारी के समय नमस्ते अभिवादन का एक सुरक्षित तरीका साबित हुआ.
- नमस्ते एक्यूप्रेशर के सिद्धांतों पर आधारित है. दोनों हथेलियों को आपस में जोड़ने से मुख्य रूप से घर्षण के कारण गर्मी पैदा होती है. इससे रक्त संचार बढ़ता है और शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है. सर्दियों के समय तुरंत गर्माहट के लिए हाथ जोड़ना या उन्हें रगड़ना शरीर को तुरंत गर्म कर एनर्जी देता है.
- इसके अलावा हथेलियों को जोड़ने से उंगलियों के पोरों पर हल्का दबाव पड़ता है. इससे नर्वस सिस्टम को संकेत मिलता है.
- नमस्ते करने से नजरें नीचे झुकाना या हल्का बंद करना भी फायदेमंद है. ऐसा करने से बाहरी विचलित करने वाली चीज़ें कम दिखती हैं और फोकस बढ़ता है.
- नमस्ते मेडिटेशन का भी एक तरीका है. इससे मस्तिष्क में Alpha Brainwaves बढ़ जाती हैं. ये शांति, ध्यान और गहरी एकाग्रता की स्थिति से जुड़ी हैं.
- नमस्ते करने से तनाव हार्मोन कम होता है. इससे आप अधिक शांत और स्पष्ट महसूस करते हैं.
- नमस्ते करने से मस्तिष्क के बाएं (तर्क) और दाएं (रचनात्मकता) गोलार्ध को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है.
- नमस्ते करने से सामाजिक जुड़ाव महसूस होता है. नमस्ते करने से गहरे संबंध बनाने में मदद मिलती है.
- नमस्ते करने से विचारों को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. इससे मानसिक शांति मिलती है.
नमस्ते करना भारत की संस्कृति का एक हिस्सा है. ये सिर्फ एक इशारा नहीं बल्कि एक पूर्ण शारीरिक और मानसिक व्यायाम है. इससे शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से फायदेमंद है. इससे शरीर और मस्तिष्क दोनों संतुलित रहते हैं.