इंडिया न्यूज, Health Tips in Hindi: आजकल यूरिक एसिड एक आम समस्या बन गई है। यह बीमारी बुजुर्गों के अलावा बच्चों में भी सुनने को मिलती है। यूरिक एसिड का लेवल एक निश्चित मात्रा से अधिक बढ़ने से शरीर में काफी समस्याएं होने लगती हैं। तो आइए जानते हैं बड़ों और में यूरिक एसिड बनने के कौन-कौन से कारण हैं और किन लक्षणों से बच्चों और युवाओं में यूरिक एसिड का पता लगता है।
यूरिक एसिड, प्यूरीन वाली चीजों के डाइजेशन से निकलने वाला प्राकृतिक अपशिष्ट पदार्थ है। इसलिए कहा जाता है, प्यूरीन वाली चीजों का सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। इन पदार्थों में प्यूरीन अधिक पाया जाता है। जैसे-कुछ प्रकार के नॉनवेज। सार्डिन मछली। सूखी सेम। बीयर।
वहीं शरीर किडनी और यूरिन के माध्यम से यूरिक एसिड को फिल्टर करता है। यदि आप अपनी डाइट में बहुत अधिक प्यूरीन वाली चीजों का सेवन करते हैं तो खून में प्यूरीन की मात्रा बढ़ सकती है। अधिक प्यूरीन की मात्रा को हाइपरयूरिसीमिया नाम से जाना जाता है। इससे गाउट नामक बीमारी हो सकती है जो जोड़ों में दर्द का कारण बनती है। इस बीमारी में यूरेट क्रिस्टल जमा हो जाते हैं और यह खून और मूत्र को अम्लीय बना सकता है। शरीर में यूरिक एसिड जमने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे:-जेनेटिक्स, मोटापा, स्ट्रेस, किडनी की बीमारी, हाइपोथायरायडिज्म, कुछ प्रकार के कैंसर या कीमोथेरेपी और सोरायसिस है।
कुछ बीमारियां यूरिक एसिड के बढ़ने से होती हैं। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर आपर किडनी रोग, मधुमेह, चयापचय सिंड्रोम और उच्च रक्तचाप का शिकार हो सकते हैं।
बच्चों और युवाओं को यूरिक एसिड बढ़ने से ज्यादा परेशानी हो सकती है इसके यूरिक एसिड बढ़ने पर अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है इन सबसे बचने के लिए बच्चों और युवाओं को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, रोजाना एक्सरसाइज करनी चाहिए साथ ही जिन बच्चों की उम्र कम होती है वो किसी बड़े की मदद के साथ कुछ देर के लिए टहल सकते हैं या खेल सकते हैं, तला भुना खाना खाने से बचें आदि।
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