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Heart Attack: नॉर्मल कोलेस्ट्रॉल के बावजूद हार्ट अटैक का खतरा, जानें हिडेन फैकटर्स और बचाव के उपाय

अगर किसी का कोलेस्ट्रॉल लेवल नॉर्मल है, तो इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि उन्हें हार्ट अटैक का खतरा न हो. इसके कुछ हिडेन फैकटर्स हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं.

Written By: Deepika Pandey
Last Updated: December 28, 2025 11:53:56 IST

Heart Attack Cause: आज के समय में हार्ट अटैक एक बेहद आम समस्या हो गई है. बच्चों से लेकर बड़ों तक लगभग लाखों लोग हार्ट अटैक का शिकार बनते हैं. पहले LDL या लो HDL के कारण हार्ट अटैक होता था लेकिन अब ऐसा नहीं है. कोलेस्ट्रॉल रिपोर्ट ‘नॉर्मल’ आने के बावजूद भी लाखों लोग हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं. लेटेस्ट मेडिकल रिसर्च में पता चला है कि कोलेस्ट्रॉल ही नहीं छिपे हुए लिपोप्रोटीन पार्टिकल्स के कारण हार्ट अटैक होता है, जिनके बारे में साधारण टेस्ट से पता नहीं चलता. इसके अलावा भी कई कारण हार्ट अटैक का कारण हो सकते हैं. 

बता दें कि Lipoprotein(a) [Lp(a)], एपोलीपोप्रोटीन बी (ApoB) रिच पार्टिकल्स और रेम्नेंट कोलेस्ट्रॉल पार्टिकल्स धमनियों में खतरनाक प्लाक जमा कर देते हैं, जो हार्ट अटैक का कारण हो सकते हैं. इसके अलावा ये जेनेटिक भी हो सकता है. साथ ही डायबिटीज, क्रोनिक सूजन, तनाव और खराब नींद, साइलेंट प्लाक और हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा भी हार्ट अटैक के कारण हो सकते हैं.

  • बता दें कि छोटे-घने एलडीएल कण बड़े कणों से ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं. ये धमनियों में घुसकर प्लाक बनाते हैं. ऐसे में कुल LDL नॉर्मल दिखता है लेकिन ये कण हार्ट अटैक का कारम बन सकते हैं.
  • शरीर में क्रोनिक सूजन धमनियों को नुकसान पहुंचाती है. इससे प्लाक अस्थिर होता है और टूटकर क्लॉट बन सकता है.
  • हार्ट अटैक की समस्या जेनेटिक भी हो सकती है. अगर परिवार में किसी को हार्ट अटैक की समस्या के कारण भी ऐसा हो सकता है. 
  • कोलेस्ट्ऱॉल को ठीक से प्रोसेस न हो पाने के कारण भी हार्ट अटैक की समस्या होती है. 
  • इसके अलावा तनाव और नींद, जिसके कारण ब्ल़ड प्रेशर गिरता है और इससे सूजन बढ़ती है. तनाव और खराब नींद हार्मोनल असंतुलन पैदा करते हैं, जो हार्ट पर बुरा असर डालते हैं. 
  • साइलेंट प्लाक धमनियों में धीरे-धीरे जमता है और बाद में फटता है. ऐसे में खून का क्लॉट बन जाता है, जिसके कारण हार्ट अटैक हो सकता है.
  • हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा कोलेस्ट्रॉल के साथ मिलकर दिल पर दबाव बढ़ाते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.

हृदय रोग के मुख्य लक्षण

  • सीने में दर्द और जकड़न
  • हल्की मेहनत पर सांस फूलना
  • सोते समय सांस में रुकावट
  • बिना किसी मेहनत के पसीना आना
  • छोटी-छोटी गतिविधियों में भी थकावट
  • दिल की धड़कन तेज या अनियमित हो जाना
  • खड़े होने पर सिर चकराना
  • पैरों या पेट में सूजन आना

हार्ट अटैक के शुरुआती संकेत

  • छाती के बीच में दबाव या दर्द
  • बाएं हाथ में झनझनाहट
  • कमजोरी व घबराहट 
  • अत्यधिक पसीना

हृदय रोग से बचाव के उपाय

  • अगर आप हृदय रोग से बचना चाहते हैं, तो रोजाना लगभग 30-40 मिनट की वॉक करनी चाहिए.
  • कम नमक, कम तेल और संतुलित आहार लें.
  • धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें.
  • तनाव कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करें.
  • अपने वजन को नियंत्रित रखने के लिए एक्सरसाइज करें.
  • समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराएं
  • नींद पूरी करें.

अगर आपको हार्ट अटैक के लक्षण महसूस होते हैं, तो जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करें. डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट लिखकर देंगे, जिन्हें कराक और मेडिकल सलाह से दवाइयां लेकर आप ठीक हो सकते हैं. इस बीच आप ड्राइविंग करने से भी बचें.

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