होम / हेल्थ / भारतीय पुरुषों में तेजी से क्यों बढ़ रहा है पैंक्रियाटिक कैंसर…शरीर के इस अंग का कर देता है ऐसा हाल कि फिर?

भारतीय पुरुषों में तेजी से क्यों बढ़ रहा है पैंक्रियाटिक कैंसर…शरीर के इस अंग का कर देता है ऐसा हाल कि फिर?

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : December 6, 2024, 10:33 am IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

भारतीय पुरुषों में तेजी से क्यों बढ़ रहा है पैंक्रियाटिक कैंसर…शरीर के इस अंग का कर देता है ऐसा हाल कि फिर?

Pancreatic Cancer In Mens: पैंक्रियाटिक कैंसर हर साल दुनिया भर में 4.6 लाख से ज्यादा मौतों का कारण बनता है

India News (इंडिया न्यूज), Pancreatic Cancer In Mens: पैंक्रियाज हमारे पेट के पिछले हिस्से में स्थित एक महत्वपूर्ण अंग है, जो पाचन एंजाइम और इंसुलिन जैसे हार्मोन का उत्पादन करता है। ये एंजाइम और हार्मोन हमारे शरीर के सामान्य कार्यों के लिए आवश्यक होते हैं। पैंक्रियाटिक कैंसर तब उत्पन्न होता है जब पैंक्रियाज की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और एक ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। यह कैंसर बहुत खतरनाक होता है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण अक्सर स्पष्ट नहीं होते और यह तब तक विकसित होता रहता है जब तक कि इसकी पहचान करना कठिन हो जाता है।

पुरुषों में पैंक्रियाटिक कैंसर के मामले अधिक क्यों?

  1. खराब खानपान: आधुनिक जीवनशैली में उच्च वसा और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स (जैसे पिज्जा, बर्गर) का सेवन आम हो गया है, जो पैंक्रियाटिक कैंसर का एक प्रमुख कारण हो सकता है। पुरुषों में यह खानपान अधिक आम है, जिससे कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।
  2. सिगरेट और शराब की लत: सिगरेट और शराब का सेवन पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक होता है। ये दोनों आदतें पैंक्रियाज पर प्रतिकूल असर डालती हैं और कैंसर का खतरा बढ़ाती हैं।
  3. प्रदूषण और जीवनशैली: शहरी इलाकों में बढ़ता प्रदूषण और गतिहीन जीवनशैली भी पैंक्रियाटिक कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं। शारीरिक रूप से सक्रिय न रहना और ताजे भोजन की कमी भी इससे जुड़े जोखिमों को बढ़ाती है।
  4. जेनेटिक कारण: परिवार में अगर कैंसर का इतिहास हो, तो यह भी पैंक्रियाटिक कैंसर के लिए एक जोखिम कारक बन सकता है।

हड्डिया के दर्द से हो चुके है परेशान…पैरों ने छोड़ दिया है साथ, आज ही डाइट में एड करें ये 3 चीजें और देखें कमाल?

पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण

पैंक्रियाटिक कैंसर के शुरुआती चरणों में लक्षण स्पष्ट नहीं होते, लेकिन जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है, कुछ लक्षण सामने आ सकते हैं:

  1. पेट और पीठ के बीच तेज दर्द: यह दर्द खाने के बाद बढ़ सकता है और पीछे की ओर महसूस हो सकता है।
  2. वजन में तेजी से गिरावट: बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन में गिरावट होना।
  3. त्वचा और आंखों का पीलापन (पीलिया): यह स्थिति तब होती है जब ट्यूमर बिलीरुबिन (पित्त पदार्थ) को अवरुद्ध करता है, जिससे त्वचा और आंखों में पीलापन आता है।
  4. अचानक डायबिटीज का होना: पैंक्रियास में समस्या के कारण इंसुलिन का उत्पादन कम हो सकता है, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ता है।
  5. पाचन संबंधी समस्याएं और थकान: पाचन में समस्या, अपच, मतली, उल्टी और अत्यधिक थकान महसूस होना।

ये सफ़ेद सी दिखने वाली चीज भर देगी आपकी हड्डियों में 10 घोड़ों जितनी ताकत, घी संग तो लगेगी इतनी स्वाद की हड्डियां हो जाएंगी लोहा-लाट

पैंक्रियाटिक कैंसर से बचाव के उपाय

  1. संतुलित आहार लें: अधिक फाइबर, फल, सब्जियां, और साबुत अनाज का सेवन करें। यह पाचन को सुधारता है और शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है।
  2. सिगरेट और शराब से बचें: इनका सेवन कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है, इसलिए इनसे बचना चाहिए।
  3. नियमित व्यायाम करें: शारीरिक रूप से सक्रिय रहना मोटापे और अन्य बीमारियों के जोखिम को कम करता है, जो पैंक्रियाटिक कैंसर को बढ़ावा दे सकते हैं।
  4. डॉक्टर से समय-समय पर जांच कराएं: अगर आपके परिवार में कैंसर का इतिहास हो, तो नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं ताकि किसी भी समस्या का जल्दी पता चल सके।

दुनिया में फैला नया वायरस, आंखों से बहने लगता है खून…15 लोग तड़प-तड़प कर मर गए, 17 देशों में कोहराम

इलाज के विकल्प

पैंक्रियाटिक कैंसर का इलाज कैंसर के स्टेज और मरीज की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। कुछ सामान्य उपचार विकल्प निम्नलिखित हैं:

  1. सर्जरी: अगर कैंसर का पता जल्दी चल जाता है और ट्यूमर छोटा होता है, तो इसे सर्जरी द्वारा हटाया जा सकता है।
  2. कीमोथेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रासायनिक दवाओं का उपयोग किया जाता है।
  3. रेडिएशन थेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उच्च-ऊर्जा वाले रेडिएशन का प्रयोग किया जाता है।
  4. इम्यूनोथेरेपी: यह शरीर की इम्यून प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करता है।

शरीर के लिए ‘स्लो पोइज़न’ से कम नहीं है चाव से खाई जाने वाली ये चीज, आज ही से छोड़ने की डाल ले आदत

चिंता का विषय

वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड के अनुसार, पैंक्रियाटिक कैंसर हर साल दुनिया भर में 4.6 लाख से ज्यादा मौतों का कारण बनता है, और भारत में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है, खासतौर पर पुरुषों में। इसके बावजूद, अगर सही खानपान, जीवनशैली में बदलाव, और नियमित जांच से इस खतरे को कम किया जा सकता है। अगर किसी भी लक्षण का अनुभव हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा बढ़ रहा है, लेकिन सही खानपान, स्वस्थ जीवनशैली, और समय-समय पर जांच से इसे रोका जा सकता है। यदि आपको कोई लक्षण महसूस हो, तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें और जीवनशैली में छोटे बदलाव करने की कोशिश करें। इस प्रकार, कैंसर को समय रहते पहचानने और बचने के उपायों के साथ हम इस खतरनाक बीमारी से बच सकते हैं।

ज्यादा मीट खाने वाले हो जाएं सावधान! कहीं दबोच न ले ये बड़ी बीमारी, रिसर्च से हुआ चौंका देने वाला खुलासा

Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Tags:

India newsIndian MensIndian Mens Problemindianewslatest india newsPancreatic cancerPancreatic Cancer In Indian MensPancreatic Cancer In Menstoday india news

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT