Sattvik Food For Health कहते है कि जैसा अन्न वैसा मन। हम जो कुछ भी खाते है वैसा ही हमारा बन जाता है, जैसा हमारा मन होगा। अन्न चरित्र निर्माण करता है। इसलिए हम क्या खा रहे है। इस बात का सदा ध्यान रखना चाहिए।
प्रकृति से हम जो कुछ भी ग्रहण करते है जैसे भोज्य पदार्थ, पेय पदार्थ, वायु, पांच ज्ञानेन्द्रियों से जो कुछ भी हमारा मन प्राप्त करता है, कर्म इन्द्रियों से हम जो कुछ भी प्राप्त करते है और मन में संगृहीत सूचनाओं के मनन से जैसा भाव मन में उठता है।
इन सब से हमारे अन्दर का समीकरण बदलता है और गुण समीकरण में आया परिवर्तन ही हमारे वर्तमान को चलाता है। जैसा गुण समीकरण अन्दर होगा, वैसे विचार मन-बुद्धि में उठेंगे। जैसे विचार उठते है वैसे ही कर्म करते है, जैसे हम कर्म करते है वैसा ही फल हमें मिलता है।
भोजन के स्वाद (Sattvik Food For Health)
भोजन के छह स्वाद होते है (Sattvik Food For Health)
(1). मधुर स्वाद (Sattvik Food For Health)
मधुर स्वाद वाले खाद्य पदार्थ सर्वाधिक पुष्टिकर माने जाते है।
वे शरीर में उन महत्वपूर्ण विटामीनों एवं खनिज लवणों को ग्रहण करते है, जिसका प्रयोग शर्करा को पचाने के लिए किया जाता है।
इस श्रेणी में आने वाले खाद्य पदार्थों में समूचे अनाज के कण, रोटी, चावल, बीज एवं सूखे मेवे है।
(2). खट्टा स्वाद (Sattvik Food For Health)
छाछ, खट्टी मलाई, दही एवं पनीर है। अधिकांश अधपके फल एवं कुछ पक्के फल भी खट्टे होते है। खट्टे खाद्य पदार्थ का सेवन करने से हमारी भूख बढ़ती है यह आपके लार एवं पाचक रसों का प्रवाह तेज करती है। खट्टे भोजन का अति सेवन करने से हमारे शरीर में दर्द तथा ऐंठन की अधिक सम्भावना रहती है।
(3). नमकीन स्वाद (Sattvik Food For Health)
नमक इत्यादि।
(4). तीखा स्वाद (Sattvik Food For Health)
प्याज, लहसून, अदरक, सरसो, लाल मिर्च आदि।
(5). कड़वा स्वाद (Sattvik Food For Health)
हरी सब्जियां, चाय, कॉफी आदि।
(6). कसैला स्वाद (Sattvik Food For Health)
अजवाइन, खीरा, बैंगन, सेव, रुचिरा, झड़बेरी, अंगूर एवं नाशपति भी कसैले होते हैं।
भोजन के प्रकार (Sattvik Food For Health)
भोजन तीन प्रकार के होते है सात्विक, राजसिक एवं तामसिक
(1). सात्विक:
सात्विक भोजन सदा ही ताजा पका हुआ, सादा, रसीला, शीघ्र पचने वाला, पोषक, मीठा एवं स्वादिष्ट होता है।
यह मस्तिष्क में ऊर्जा में वृद्धि करता है और मन को प्रफुल्लित एवं शांत रखता है।
सात्विक भोजन शरीर और मन को पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने में बहुत अधिक सहायक है, जो आध्यात्मिक, मानसिक एवं शारीरिक तीनों प्रकार से अच्छा स्वास्थ्य पाना चाहते है उन्हें सात्विक भोजन करना चाहिए।
(2). राजसिक:
जो लोग चाहते है कि वो मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बने उन्हें राजसिक भोजन करना चाहिए। कड़वा, खट्टा, नमकीन, तेज, चटपटा और सूखा होता है। पूड़ी, पापड़, तेज स्वाद वाले मसाले, मिठाइयां, दही, बैंगन, गाजर, मूली, नीम्बू, मसूर, चाय, कॉफी, पान आदि राजसिक भोजन के अन्तर्गत आते हैं।
(3). तामसिक:
जो लोग चाहते है कि भोजन करने से सिर्फ उनका शरीर ताकतवर और मजबूत बने उन लोगों को तामसिक भोजन करना चाहिए।
बासी, जूठा, अधपका, गंधयुक्त आहार, चर्बीदार य भारी भोजन जैसे मछली, मांस, अण्डे, शराब, लहसून, प्याज, तम्बाकू, पेस्ट्री, पिजा, बर्गर, ब्रेड, तन्दूरी रोटी, बेकरी उत्पाद, चाय, कॉफी, जैम, नूडल्स चिप्स समेत सभी तले हुए पदार्थ आदि होते है।ये शरीर में गर्मी पैदा करते है इसलिए इन्हें तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है।
कई धर्मों में लहसून प्याज का उपयोग नहीं करते है (Sattvik Food For Health)
प्याज शरीर को लाभ पहुंचाने के हिसाब से चाहे कितना ही लाभकारी और गुणकारी क्यों न हो लेकिन मानसिक और आध्यात्मिक नजरिये से यह एक तेज और निचले दर्जे का तामसिक भोजन का पदार्थ है।
हमेशा गर्म और ताजा भोजन ही करना चाहिए क्योंकि गर्म भोजन और पेट की गर्मी ऐसे भोजन को जल्दी पका देती है। इसलिए पेट की अग्नि को जठराग्नि कहते है और इसीलिए कहा जाता है कि गर्म भोजन करो, क्योंकि भोजन अगर ठण्डा हो तो पेट को केवल अपनी गर्मी के आधार पर ही उसको पचाना होता है।
अतः तामसी भोजन आलस्य बढ़ाता है,
राजसी भोजन क्रोध बढ़ाता है और
सात्विक भोजन प्रेम एवं शारीरिक पोषण बढ़ाता है।
अन्न का मन पर असर (Sattvik Food For Health)
ये तो हम सब जानते है की अन्न का मन पर क्या असर होता है।
इस उदाहरण से हम समझ सकते है तीन महीने का प्रयोग करके देखें, सात्विक अन्न खाने से अपने आप बदलाव महसूस होने लगेगा क्योंकि जैसा अन्न वैसा मन। सात्विक अन्न सिर्फ शाकाहारी भोजन नही बल्कि परमात्मा की याद में बनाया गया भोजन है।
गुस्से से अगर खाना बनाया गया है उसे सात्विक अन्न नही कहेंगे।
इसलिए महिलायें कभी भी नाराज, परेशान स्थिति में खाना नही बनाना और भाई लोग कभी भी महिलाओं को (जो खाना बनाते है उनको) डांटना नहीं, उनसे कभी लड़ना नहीं क्योंकि वो किचन में जाके और आपके ही खाने में उसी को मिलाके….. आपको ही एक घंटे में खिलाने वाले है….
ये ध्यान में रखने वाली बात है।
किसी को डांट दो, गुस्सा कर दो और बोलो जाके खाना बनाओ।
खाना तो हाथ बना रहा है, मन क्या कर रहा है, अन्दर मन तो लगतार चिंता कर रहा है तो वो सारे वाइब्रेशन खाने के अंदर जा रहे है।
तीन प्रकार का खाना (भोजन) होता है (Sattvik Food For Health)
1. जो हम रेस्टोरेंट में खाते है,
2. जो घर में माँ बनाती है और
3. जो हम मंदिर और गुरूद्वारे में खाते है।
तीनो के वाइब्रेशन अलग अलग होते हैं (Sattvik Food For Health)
1. जो रेस्टोरेंट में खाना बनाते है उनके वाइब्रेशन कैसे होते है।
आप खाओ और हम कमायें जो ज्यादा बाहर खाता है उसकी वृति धन कमाने के अलावा कुछ और सोच नहीं सकती है क्यूंकि वो खाना ही वही खा रहा है…
2. घर में जो माँ खाना बनाती है वो बड़े प्यार से खाना बनाती है…
घर में आजकल जो धन ज्यादा आ गया है इसलिए घर में कुक (नौकर) रख लिए है खाना बनाने के लिए और वो जो खाना बना रहे है इसी सोच से कि आप खाओ हम कमाए…
(Sattvik Food For Health)
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Benefits Of Rock Salt सेंधा नमक के अनगिनत लाभ
नेचुरोपैथ कौशल
Benefits Of Rock Salt रॉक साल्ट में लगभग 84 प्रकार के ऐसे मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं और इनकी ज़रूरत हमें रोज़ाना होती है क्योंकि ये सभी हमारे शरीर में सिर्फ 24 घण्टे ही रह सकते हैं। खासतौर से इसमें मौजूद मैग्नीशियम और कैल्शियम बहुत ही लाभ पहुंचाते हैं। ये बॉडी को फिट रखने के लिए सबसे जरूरी तत्व माने जाते हैं।
सेंधा नमक को खाने में शामिल करके बॉडी को एक्टिव और फिट रखा जा सकता है। सांसों की परेशानियों को दूर करता है बहुत ही कम लोग इस बात से वाकिफ होंगे कि सेंधा नमक सांसों से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं को दूर करता है। अस्थमा से जूझ रहे मरीजों को सेंधा नमक का सेवन जरूर करना चाहिए।
अन्य फायदे (Benefits Of Rock Salt)
मेटाबॉलिज्म सही रखता है (Benefits Of Rock Salt)
सेंधा नमक के सेवन से मेटाबॉलिज्म का लेवल सही बना रहता है, जो पूरी बॉडी के फंक्शन के लिए जिम्मेदार होता है। सेंधा नमक शरीर में पानी की उचित मात्रा को भी बनाए रखता है। इससे बॉडी को हाइड्रेट रहती है, साथ ही डाइजेशन भी सही रहता है। खाने में इसे शामिल करके ब्लड सर्कुलेशन को भी सही रखा जा सकता है। सही ब्लड सर्कुलेशन कई सारी बीमारियों को दूर रखने में मददगार होता है।
मूड को सही रखता है (Benefits Of Rock Salt)
सेंधा नमक बॉडी में ऑक्सीजन की उचित मात्रा को भी बनाए रखता है। बॉडी में ऑक्सीजन के सही फ्लो से कई बीमारियां दूर रहती हैं। इससे सीजनल बुखार में भी राहत मिलती है।
तनाव की समस्या दूर करता है (Benefits Of Rock Salt)
रॉक साल्ट लैम्पस में मौजूद अरोमा बॉडी और दिमाग को रिलैक्स करता है। इससे तनाव, चिंता जैसी समस्याएं कोसों दूर रहती हैं।
भूख को बढ़ाता है (Benefits Of Rock Salt)
भूख न लगने की समस्या को भी सेंधा नमक खाकर दूर किया जा सकता है। इसकी चुटकी भर मात्रा खाने से डाइजेशन सही रहता है।
पेट की बीमारियों से छुटकारा खाने-पीने में लापरवाही और गड़बड़ी से अपच, कब्ज, गैस और एसिडिटी की समस्या आम बात है। यह कई बीमारियों को दूर करने का कारण बनती है। ऐसी किसी भी समस्या को दूर करने के लिए खाने के बाद सेंधा नमक का सेवन करना फायदेमंद रहेगा।
गारगल या गरारे भी करें (Benefits Of Rock Salt)
गुनगुने पानी में सेंधा नमक मिलाकर उससे गारगल करें।
इससे न सिर्फ दांतों की चमक बढ़ती है, बल्कि गले से संबंधित कई प्रकार की परेशानियां भी दूर होती हैं।
कैसे नहायें (Benefits Of Rock Salt)
बॉडी को रिलैक्स और रिफ्रेश करने के लिए सेंधा नमक को नहाने के पानी में मिलाएं या इससे बॉडी पर हल्का-सा मसाज करने के बाद गुनगुने पानी से नहाएं। दोनों ही तरीके बहुत ही फायदेमंद होते हैं।
(Benefits Of Rock Salt)
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