India News (इंडिया न्यूज़), Sleep Speaking: बिजी लाइफस्टाइल के कारण आजकल लोगों में एक समस्या बहुत ज्यादा देखी जा रही है और वह समस्या नींद में बोलने की है। नींद में बोलना एक तरह का ड्रीम डिसऑर्डर है, जिसको पैरासोम्निया (Parasomnia) पैरासोम्निया में लोग नींद में बोलने लग जाते हैं। वह कुछ ऐसा बोलने लगते हैं।जिसे दूसरे लोग नहीं समझ पाते। हालांकि, इस बात का पता लगाना बहुत जरूरी है कि नींद में बोलने की समस्या क्यों पैदा होती है। चलिए जानते हैं इसके पीछे कि वजह

नींद में क्यों बोलने लगते हैं लोग?

1. थकान

थकान और नींद के मध्य एक बहुत ही गहरा संबंध होता है। जब आप बहुत ज्यादा थक जाते हैं तब आपको गहरी नींद आती है। हालांकि, कुछ लोग थकान में होने के बावजूद नींद नहीं आने की समस्या से परेशान रहते हैं। यही वजह है कि ऐसे लोग अक्सर रात में सोते वक्त बोलते हुए पाए जाते हैं।

2. डिप्रेशन

डिप्रेशन एक ऐसी स्थिति है, जो पीड़ित व्यक्ति को सुकून से सोने नहीं देता। व्यक्ति सोते वक्त भी कई बार डिप्रेशन के कारणों के बारे में सोचता रहता है या उसी से संबंधित सपना देखता है। कई बार तो डिप्रेशन की वजह से उसे किसी बात का डर परेशान करने लगता है, जिसकी वजह से वह नींद में बोलने लगता है।

3. नींद की कमी

यदि कोई व्यक्ति 7 से 8 घंटे की भरपूर नींद नहीं ले पा रहा है तो उसे नींद में बोलने की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। जो कि आज कल के बिजी ज़िन्दगी में बहुत आम बात है। इसलिए आपके लिए जरूरी है कि आप पूरी 8 घंटे कि नींद लें।

क्या है उपाय?

भरपूर नींद लेने की कोशिश करें।

तनाव और चिंता से दूर रहें।

खुद पर डिप्रेशन को हावी मत होने दें।

पॉजिटिव सोचें।

योग या मेडिटेशन करें।

अपनी मनपसंदीदा एक्टिविटीज़ करें।

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