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Symptoms of Vitamin D Deficiency
जीभ ना केवल स्वाद का आभास कराती है बल्कि सेहत से जुड़े कई राज को भी बयां करती है। आमतौर पर विटामिन डी की कमी का पता ब्लड टेस्ट से चल जाता है, लेकिन शोधकर्ताओं ने एक नया और आसान तरीका भी ढूंढा है जिससे आप शरीर में विटामिन डी कमी का पता लगा सकते हैं। ये तरीका है, अपनी जीभ के जरिए आप ये जान सकते हैं कि आपकी बॉडी में विटामिन डी की कमी है या नहीं ये। यह शरीर में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करता है, जो तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाने के लिए जरूरी होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस के भयावह लक्षण को कम करने और इसे मात देने में विटामिन डी मददगार साबित हो सकता है।
Natarajasana Health Benefits In Hindi
हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक भारत में करीब 80 फीसदी लोग विटामिन डी की कमी से ग्रस्त हैं। विटामिन डी की कमी से शरीर में सूजन होने लगती है। जब शरीर को धूप नहीं मिलती तो विटामिन डी बनाने वाले तत्व कोलेस्ट्रॉल में परिवर्तित हो जाते हैं। इससे साइटोकिन्स में वृद्धि होती है और निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही यह सांस संबंधी बीमारियों को भी दावत देता है। मोटापे और डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में विटामिन डी की कमी अधिक देखी जाती है।
साल 2017 में ‘डिपार्टमेंट ऑफ डर्मेटोलॉजी’ मायो क्लीनिक रोचेस्टर द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार बर्निंग माउथ सिंड्रोम (बीएमएस) के लक्षण वाले रोगियों में विटामिन डी की कमी अधिक देखी गई। इन लोगों में विटामिन बी6, विटामिन बी1, विटामिन बी12, आयरन और फोलिक एसिड की भी कमी पाई गई। बर्निंग माउथ सिंड्रोम यानि मुंह में जलन की समस्या को ग्लॉसोडिनिया के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थिति में में जीभ, होंठ, तालु और पूरे मुंह में तेज जलन महसूस होता है। तथा इस समस्या के पीछे कई अन्य बीमारियां छुपी होती हैं।
विटामिन डी के लक्षणों को समझने के बाद तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। तथा यह सुनिश्चित करें की आपको विटामिन डी की कमी है या नहीं। इसके लिए आपको स्क्रीनिंग फॉर फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज, विटामिन डी, विटामिन बी6, जिंक, विटामिन बी1 और टीएसएच का टेस्ट करवाना चाहिए।
विटामिन डी का मुख्य स्रोत धूप होता है, ऐसे में रोजाना सुबह धूप लें। इससे काफी हद तक विटामिन डी की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है। एक अध्ययन के मुताबिक माउथ बर्निंग यानी मुंह में जलन की समस्या से पीड़ित लोगों को विटामिन डी की दवा देने से केवल 14 दिनों में इससे राहत मिली है। ऐसे में आइए जानते हैं कि एक दिन में कितना विटामिन डी आपको लेना चाहिए।
एक वर्ष से कम के बच्चों के लिए एक दिन में 400आईयू। एक वर्ष से अधिक के बच्चों, किशोरों और 70 वर्ष की आयु तक के लोगों के लिए 600आईयू। 71 वर्ष से अधिक के लोगों और गर्भवती महिलाओं के लिए 800आईयू।
विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए धूप लेना सबसे कारगर उपाय है। इसके लिए आपको सप्ताह में दो से तीन दिन 10 से 15 मिनट तक धूप को अवशोषित करने की आवश्यकता होती है। यह गंभीर बीमारियों से निजात दिलाने और इनके संक्रमण से दूर रखने में कारगर होता है।
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