होम / हेल्थ / बैठे-बैठे हाथ-पैर हिलाने की आदत आपको बना सकता है 'मिसोकिनेशिया' रोग का शिकार

बैठे-बैठे हाथ-पैर हिलाने की आदत आपको बना सकता है 'मिसोकिनेशिया' रोग का शिकार

PUBLISHED BY: Prachi • LAST UPDATED : September 3, 2021, 8:34 am IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

बैठे-बैठे हाथ-पैर हिलाने की आदत आपको बना सकता है 'मिसोकिनेशिया' रोग का शिकार

हमारे आसपास बैठा कोई शख्स जब बेवजह उछल-कूद कर रहा हो, बैठे-बैठे बार-बार हाथ या पैर हिलाने लगे तो हमें परेशानी होने लगती है। कई बार दूसरों की यह हरकत एकाग्रता में खलल डालती है। यह सामान्य बात है। लेकिन दूसरों की शारीरिक अस्थिरता पर कई बार हद से ज्यादा चिड़चिड़े और परेशान हो जाते हैं। यह दरअसल मिसोकिनेशिया के लक्षण हैं। एक हालिया अध्ययन के अनुसार दूसरों को बेवजह कुलबुलाता देखकर होने वाली तनावपूर्ण संवेदनाएं दरअसल एक तरह की सामान्य मनोवैज्ञानिक घटना है। यह तीन में से एक व्यक्ति को प्रभावित करती है।
क्या है ‘मिसोकिनेशिया’
‘मिसोकिनेशिया’ एक मनोवैज्ञानिक विकार है, जिसमें आसपास के लोगों को शारीरिक रूप से अस्थिर देखने पर चिड़चिड़ाहट और गुस्सा हावी होने लगता है। ‘मिसोकिनेशिया’ को हाहेट्रिड आफ मूवमेंटह्  कहा जाता है यानी व्यग्रता से नफरत करने वाला। इस अजीबोगरीब घटना पर वैज्ञानिकों द्वारा बहुत कम अध्ययन किया गया है। लेकिन इससे ही संबंधित एक स्थिति हमिसोफोनियाह के शोध में इसका जिक्र किया गया है। हमिसोफोनियाह एक ऐसा विकार है, जहां कुछ दोहराव वाली आवाजें सुनकर लोग चिढ़ जाते हैं। शोधकतार्ओं का कहना है कि मिसोकिनेसिया के लक्षण भी कुछ हद तक हमिसोफोनियाह के समान हैं, लेकिन यह आमतौर पर ध्वनि से संबंधित होने के बजाय विजुअल से होता है।
बड़ी संख्या में प्रभावित लोग
प्रमुख अध्ययनकर्ता एवं कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय (यूबीसी) के छात्र का कहना है कि मिसोकिनेसिया में किसी दूसरे को दोहराव वाली शारीरिक मूवमेंट करते देखकर कर नकारात्मक भावनात्मक प्रतिक्रिया होती है। जैसे कि किसी को बार-बार हाथ या पैर हिलाते देखकर दिमागी रूप से विचलित होना। हैरानी की बात यह है कि इस विषय पर वैज्ञानिक शोध की कमी है। समझ में सुधार करने के लिए जसवाल और उनके साथी शोधकतार्ओं ने मिसोकिनेसिया पर अपनी तरह का पहला व्यापक अध्ययन किया। इसके निष्कर्ष बताते हैं कि फिडगेटिंग के प्रति बढ़ी संवेदनशीलता कुछ ऐसी है, जिससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते हैं।
लोगों पर असर
अध्ययन में 4,100 से अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया गया। शोधकतार्ओं ने विश्वविद्यालय के छात्रों और सामान्य आबादी के लोगों के एक समूह में मिसोकिनेसिया के प्रसार को मापा। उन पर पड़ने वाले प्रभावों का आकलन किया और पता लगाया कि संवेदनाएं क्यों प्रकट हो सकती हैं। शोधकतार्ओं के मुताबिक पाया कि लगभग एक तिहाई प्रतिभागियों ने अपने दैनिक जीवन में सामने आने वाले दूसरों के दोहराव, विचित्र व्यवहारों के प्रति कुछ हद तक मिसोकिनेसिया संवेदनशीलता की जानकारी दी। परिणाम इस बात को बताते हैं कि मिसोकिनेसिया संवेदनशीलता सिर्फ नैदानिक आबादी तक सीमित स्थिति नहीं है,सामान्य आबादी में भी बड़े स्तर पर यह स्थिति है। यह एक सामाजिक चुनौती है।

 

 

Tags:

disease

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

दादरी में लंबे समय से चल रहा था दो पक्षों के बीच जमीनी विवाद, 8 लोग हुए घायल
दादरी में लंबे समय से चल रहा था दो पक्षों के बीच जमीनी विवाद, 8 लोग हुए घायल
आम बजट में घोषित फ्लैगशिप स्कीम ने अपने क्रियान्वयन के पहले दो महीने में, 2 अग्नि परीक्षाएं पास कर ली
आम बजट में घोषित फ्लैगशिप स्कीम ने अपने क्रियान्वयन के पहले दो महीने में, 2 अग्नि परीक्षाएं पास कर ली
19 साल पहले बॉलीवुड की इस हसीना के साथ हुआ था ये दर्दनाक कांड, छोड़नी पड़ गई थी इंडस्ट्री, जानकर कांप जाएगी आपकी रूह
19 साल पहले बॉलीवुड की इस हसीना के साथ हुआ था ये दर्दनाक कांड, छोड़नी पड़ गई थी इंडस्ट्री, जानकर कांप जाएगी आपकी रूह
kota Night Shelters: खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोग, अब तक नहीं किया गया रैन बसेरे का इंतजाम
kota Night Shelters: खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोग, अब तक नहीं किया गया रैन बसेरे का इंतजाम
4 साल और 4483 गेंदों बाद बुमराह को लगा छक्का, 19 साल के Sam Constas ने एक ही ओवर में बिगाड़ दिया सिनारियो, कुटाई देख आपा खो बैठे कोहली
4 साल और 4483 गेंदों बाद बुमराह को लगा छक्का, 19 साल के Sam Constas ने एक ही ओवर में बिगाड़ दिया सिनारियो, कुटाई देख आपा खो बैठे कोहली
सावधान अगर 31 दिसंबर तक नहीं किया ये काम तो हो जाएगा भारी नुकसान, केवल इतने दिन है आपके पास
सावधान अगर 31 दिसंबर तक नहीं किया ये काम तो हो जाएगा भारी नुकसान, केवल इतने दिन है आपके पास
Kotputli Borewell Rescue: 65 घंटे से बोरवेल में फंसी मासूम चेतना, रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी, मां की बिगड़ी तबीयत
Kotputli Borewell Rescue: 65 घंटे से बोरवेल में फंसी मासूम चेतना, रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी, मां की बिगड़ी तबीयत
करते हैं 17 श्रंगार! महिलाओं से भी ज्यादा गुप्त रखते हैं नागा साधु ये राज, क्या हैं इन संन्यासियों का वो बड़ा रहस्य?
करते हैं 17 श्रंगार! महिलाओं से भी ज्यादा गुप्त रखते हैं नागा साधु ये राज, क्या हैं इन संन्यासियों का वो बड़ा रहस्य?
Viral Video:दिनदहाड़े हाईवे पर लाइट चुरा रहा था शख्स, जैसे ही उतरा नीचे हो गया कांड, वीडियो देख नहीं रोक पाएंगे अपनी हंसी
Viral Video:दिनदहाड़े हाईवे पर लाइट चुरा रहा था शख्स, जैसे ही उतरा नीचे हो गया कांड, वीडियो देख नहीं रोक पाएंगे अपनी हंसी
भीषण हादसा, मध्यप्रदेश के खरगोन में मजदूरों से भरी गाड़ी पलटी, 25 से ज्यादा लोगों का आई गंभीर चोट
भीषण हादसा, मध्यप्रदेश के खरगोन में मजदूरों से भरी गाड़ी पलटी, 25 से ज्यादा लोगों का आई गंभीर चोट
Mahakumbh 2025: श्रद्धालुओं के लिए यूपी रोडवेज की बड़ी तैयारी! इलेक्ट्रिक बसों की मिलेगी सुविधा
Mahakumbh 2025: श्रद्धालुओं के लिए यूपी रोडवेज की बड़ी तैयारी! इलेक्ट्रिक बसों की मिलेगी सुविधा
ADVERTISEMENT