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पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा अत्यधिक, इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : December 22, 2022, 10:45 pm IST

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : देश में पिछले कुछ महीनों में हार्ट अटैक से मौत की लगातार खबरें सामने आई हैं। चाहे वो कोई लोकप्रिय कलाकार हो या फिर आम लोग। ह्रदय संबंधित बीमारियों से मौत की खबरों ने पिछले कुछ समय से देश को सकते में डाल दिया है। इन मामलों में साइलेंट हार्ट अटैक के कई मामले शामिल हैं, जहां मरीज को पता ही नहीं चलता कि उसे अटैक आ गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षणों का आसानी से पता नहीं चल पाता है।

इन लक्षणों को कभी ना करें नजरअंदाज

आपको बता दें, लक्षणों की शुरुआत सीने में हल्की जकड़न या दर्द से हो सकती है, जिसे गलती से शरीर में गैस बनने के कारण माना जाता है और अक्सर इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। 10 नवंबर, 2015 को एक शोध अध्ययन किया गया और द जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में ये रिसर्च पब्लिश हुई। इस स्टडी के दौरान 45-84 वर्ष की आयु के बीच के 2,000 लोगों को शामिल किया गया था। अध्ययन की शुरुआत में, कोई भी व्यक्ति किसी भी हृदय रोग से पीड़ित नहीं था।

डायबिटीज के मरीजों को भी ज्यादा खतरा

हालांकि, इनमें से 80 फीसदी लोगों को इस बात का अहसास नहीं था कि वे किसी अटैक से पीड़ित हैं। क्योंकि ये बहुत ही साइलेंट और माइनर है। डायबिटीज के मरीजों को साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। इसका एक कारण यह है कि मधुमेह के अधिकांश हल्के लक्षणों पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। मधुमेह नसों को प्रभावित कर सकता है और नर्व इन चेतावनियों को महसूस करना धीरे-धीरे बंद कर देती है।

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा अधिक

एक्सपर्ट के मुताबिक, मधुमेह से पीड़ित लोगों को सीने में दर्द की अनुभूति कम हो सकती है, जो साइलेंट हार्ट अटैक का एक प्रमुख लक्षण है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है। कुछ लोगों में दर्द सहने की क्षमता अधिक होती है और इसलिए वे मामूली दर्द या परेशानी को नजरअंदाज कर देते हैं। बहुत से लोग हृदय रोग के हल्के लक्षणों से अनजान होते हैं। जब सीने में थोड़े समय के लिए दर्द होता है, तो लोग इसे अनदेखा कर देते हैं और इसे अपच, गैस्ट्रिक रिफ्लक्स या सीने में जलन का कारण बताते हैं।

हार्ट अटैक के दौरान ब्लड सर्कुलेशन की गति बेहद कम

दिल के दौरे में, हृदय के एक हिस्से में रक्त का प्रवाह अस्थायी रूप से रुक जाता है और इससे हृदय की मांसपेशियों को नुकसान और क्षति हो सकती है। धीरे-धीरे हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज बढ़ जाता है. जब यह ब्लॉकेज 90 फीसदी से ऊपर हो जाता है तो अचानक कार्डियक अरेस्ट का खतरा रहता है. साइलेंट हार्ट अटैक के ऐसे कई मामले जानलेवा साबित होते हैं।

साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा इनलोगों में ज्यादा

आपको बता दें, डॉक्टरों की सलाह है कि जब कोई व्यक्ति 20-25 मिनट के लिए ऊपरी पेट क्षेत्र या छाती के बीच में गंभीर दर्द का अनुभव करता है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। एक ईसीजी टेस्ट कराना चाहिए। यह टेस्ट बहुत ही कम समय में होता है और इसकी लागत भी कम है। जो लोग मधुमेह, मोटापा, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर, धूम्रपान, खराब जीवन शैली की आदतों से पीड़ित हैं, शराब का सेवन करते हैं और हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास रखते हैं, उनमें साइलेंट हार्ट अटैक का शिकार होने का अधिक खतरा होता है।

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