संबंधित खबरें
अगर आपको है मर्दाना कमजोरी तो करें ये आसान Exercise, छूमंतर हो जाएगी सारी समस्या, वैवाहिक जीवन में मिलेगा चरम सुख
पेट भरने वाली रोटी बनी कैंसर की वजह? धीमे-धीमे शरीर में जहर फैलाने का कर रही है काम, रिसर्च ने किया बड़ा खुलासा
पत्नी को हुए कैंसर के बाद Navjot Singh Sidhu ने दी ऐसी सलाह…बोले- '10-12 नीम के पत्ते, सेब का सिरका और फिर स्टेज 4 कैंसर छू'
कहीं आप भी तो रोज नहीं खाते हैं रोज पत्तागोभी, वरना हो जाएगा बड़ा नुकसान, जानिए न्यूरोलॉजिस्ट से बचने का आसान तरीका
30 साल पुरानी Blood Pressure की बीमारी को मात्र 15 दिन में ठीक कर देगा ये एक देसी उपाय, 2 महीने में तो शरीर हो जाएगा हर रोग से मुक्त
6 दिनों के अंदर जड़ से खत्म हो जाएगा बवासीर, जो कर लिया इन 2 चीजों का सेवन, जिंदगीभर के लिए पाइल्स से मिल जाएगा छुटकारा!
लोग अपने पेट की चर्बी और वजन कम करने के लिए क्या-क्या नहीं करते।हेवी एक्सरसाइज करने से लेकर, हेल्दी डाइट लेने तक, सब कुछ। लेकिन कभी कभी इतना सब करने पर भी नतीजा नहीं दिखता है। मतलब कुछ इतनी मेहनत करते हैं, हेल्दी डाइट लेते हैं फिर भी बेली रीजन (पेट के पास) से उनका फैट कम ही नहीं होता। जानकार इसके पीछे हार्मोन्स को कारण मानते हैं। दरअसल हार्मोन्स हमारे शरीर के विभिन्न कामों को कंट्रोल करते हैं, जैसे मैटाबॉलिज्म, तनाव, भूख और सेक्स ड्राइव।
पुणे के मदरहुड अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. सुश्रुत मोकादम का कहना है कि हार्मोन के लेवल में उतार-चढ़ाव या फिर हार्मोन्स की कमी के कारण पेट पर ज्यादा फैट आना एक अहम कारण हो सकता है। इसे हार्मोनल बेली भी कहा जा सकता है। डॉ.सुश्रुत के अनुसार, अंडरएक्टिव थायरॉयड, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) और मीनोपोज जैसी हार्मोन्स से जुड़ी कुछ ऐसी स्थितियां हैं जो आपको पेट के आसपास से पूरा तरह से पैक कर सकती है। यानी आपके पेट पर चर्बी के लिए हार्मोन्स से जुड़ी ये समस्याएं भी जिम्मेदार हो सकती है। हार्मोनल असंतुलन मोटापे, तनाव या दवाओं के कारण भी हो सकता है। बेली फैट को कम करने के लिए डॉ सुश्रुत ने कुछ महत्वपूर्ण संकेत दिए गए हैं, जिन पर आपको ध्यान देने की जरूरत है।
Also Read : Corona के खिलाफ मिल सकता है नया इलाज, पशुओं की एंटीबॉडी हो सकती मददगार
यदि आपको लगता है कि अपनी पूरी डाइट लेने के बाद भी आप में अभी भी भूख या फिर आप अपने भोजन से संतुष्ट नहीं हैं तो इसका मतलब है कि सेक्स हार्मोन अप्रत्यक्ष रूप से उन हार्मोन को प्रभावित कर रहे हैं जो मैटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने में मदद करते हैं एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन। लेप्टिन (फैट सेल्स से बना एक प्रोटीन) पर एस्ट्रोजन के प्रभाव के कारण, भोजन करने के बाद भी कम एस्ट्रोजन का लेवल आपको भूख का एहसास कराता है। विशेष रूप से, हाई लेप्टिन का लेवल समस्या पैदा करने वाला है।
डॉ सुश्रुत के अनुसार, हर बार जब आप तनाव में होते हैं, आपकी एड्रिनल ग्रंथियां आपके शरीर को तुरंत प्रतिक्रिया करने में मदद करने के लिए कोर्टिसोल छोड़ती हैं। कोर्टिसोल एक तरह का स्ट्रेस हार्मोन है। यदि आप हर समय तनाव में रहते हैं, तो आपकी एड्रिनल ग्रंथी को यह एहसास भी नहीं होगा कि यह आपके शरीर की जरूरत से ज्यादा कोर्टिसोल का उत्पादन कर रही है। इसके अलावा, कोर्टिसोल का हाई लेवल हार्ट रेट, ब्ल्ड प्रेशर और यहां तक कि ब्ल्ड शुगर को भी बढ़ाता है। इतना ही नहीं, बहुत अधिक कोर्टिसोल पेट की चर्बी को बढ़ाता है।
डॉ सुश्रुत का कहना है कि अत्यधिक व्यायाम, ठीक से खाना न खाने या पिट्यूटरी ग्रंथि की समस्याओं के कारण एस्ट्रोजन हार्मोन का कम लेवल देखा जा सकता है। जब एस्ट्रोजन का स्तर नाटकीय रूप से नीचे चला जाता है तो व्यक्ति के पेट के आसपास अधिक वजन बढ़ सकता है। इस समस्या से बचने के लिए आपको एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर से बात करने की जरूरत है, जो इस बारे में आपका मार्गदर्शन करेंगे।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.