इंडिया न्यूज (Heart Disease)
दिल शरीर का महत्वपूर्ण अंग है जो बिना रुके काम करता है। आज के समय में 35 से 40 साल की उम्र में लोगों की मौत हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर के कारण हो रही है। इन सभी समस्याओं का कारण खानपान, लाइफस्टाइल और परिवार में हार्ट डिजीज की हिस्ट्री हो सकती है। बता दें खानपान और गलत आदतों की वजह से दिल कमजोर हो जाता है। वहीं दिल कमजोर होने पर शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तो आइए जानते हैं जब दिल से जुड़ी बीमारियों में क्या-क्या लक्षण दिखते हैं।
खरार्टे ज्यादा आना: खरार्टों को चिकित्सकीय रूप से स्लीप एपनिया के रूप में जाना जाता है। इस बीमारी से पीड़ित इंसान को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। अगर दिल की बीमारी का जल्द पता चल जाए तो उसका इलाज किया जा सकता है।
शरीर में दर्द: ज्यादातर लोगों का मानना है कि तनाव के कारण बाहों और शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है। लेकिन ये दर्द दिल का दौरा पड़ने का भी संकेत हो सकता है। दिल का दौरा पड़ने वाले कुछ लोगों ने मुंह और पीठ में दर्द की शिकायत होती है।
पैरों में सूजन: गर्मियों में पैरों में सूजन आना या कहें बार-बार पैरों में सूजन आना दिल की बीमारी के संकेत हो सकते हैं। पैरों में सूजन की परेशानी अधिक देर तक खड़े रहने से या गलत व्यायाम करने से होती है। यदि पैरों की सूजन दूर नहीं होती है या खराब हो जाती है तो जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाना चाहिए। पैरों की सूजन दिल की बीमारी की दस्तक है।
नींद की गड़बड़ी: स्लीप डिसऑर्डर हृदय संबंधी स्थिति के कारण होता है। अनिद्रा को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। क्योंकि इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। जिन लोगों को सोने में परेशानी होती है, उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। सोते समय किसी व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई उनके फेफड़ों में तरल पदार्थ के कारण होती है। सीने में बेचैनी, दिल का धड़कना दिल के रोगों का कारण है।
मसूड़ों में सूजन: मसूड़े की सूजन चिंता का कारण नहीं होती है, लेकिन अगर आपके मुंह में बेचैनी असहनीय हो जाती है, तो आपको दांतों के डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए। बहुत से लोग इस बात से वाकिफ नहीं हैं कि दांत और हृदय स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़े हैं। अपने दांतों का नियमित रूप से चेकअप कराएं, क्योंकि मौखिक स्वास्थ्य आपके दिल की सेहत को प्रभावित करता है।
सांस लेने में तकलीफ: सांस लेने में तकलीफ या सांस से जुड़ी समस्याएं दिल के कमजोरी का ही संकेत हैं। दिल के कमजोर होने पर सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
लगातार सर्दी और जुकाम रहना: लगातार सर्दी और जुकाम की समस्या रहना दिल की बीमारी का संकेत होता है। इस समस्या की लापरवाही आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है।
सीने में जलन होना: दिल के कमजोर होने पर शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। शुरूआत में जब दिल कमजोरी होती है को इंसान को लगातार मतली की समस्या होती है। इसके साथ लगातार सीने में जलन होती है। अगर आपको ये समस्याएं कई दिनों से हो रही हैं, तो इसको नजरअंदाज ना करें।
हाई ब्लड प्रेशर: दिल की कमजोरी में ब्लड प्रेशर भी अनियंत्रित हो जाता है। दल के कमजोर होने पर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
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