India News (इंडिया न्यूज़), Devil Tree: एक ज़हरीला पेड़ है जिसका नाम सप्तपर्णी है। इस पेड़ पर अक्टूबर के महीने में फूल आते हैं जिनसे रात के समय तेज़ और विशेष प्रकार की ख़ुश्बू आती है। इसी वजह से इस पेड़ को न सिर्फ भारत में बल्कि दुनियां के कई देशों में अशुभ और शैतान के निवास के रूप में जाना जाता है। आपको बते दें कि इस पेड़ में बहुत सारे औषधीय गुण हैं, यहां तक कि सांप काटने के बाद सप्तपर्णी का उपयोग एंटीडोट के रूप में किया जाता है।
सप्तपर्णी को आयुर्वेद में कई नाम से जाना जाता है जैसे सातवीण, सप्तपर्ण, छातिम, यक्षिणी वृक्ष, और सतौना। सप्तपर्णी के पेड़ में एंटी माइक्रोबियल, एंटी बैक्टीरियल के साथ एंटी मलेरियल जैसे गुण मौजूद होते हैं। ये मलेरिया और कैंसर से बचाता है। ये पेड़ आपको पार्क में या सड़क किनारे आसानी से मिल जाता है।
सप्तपर्णी का उपयोग सांप के काटने पर, उल्टी-दस्त, हाई बीपी, मलेरिया और त्वचा से संबंधित कई बीमारियों करता है। यह कोलेस्ट्रॉल, वायरल फीवर, एलर्जी, हार्ट से संबंधित बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है। इतना ही नहीं, मलेरिया से होने वाला बुखार, संक्रमण से होने वाला बुखार भी इससे दूर रहता है। इसके साथ ही, यह शरीर को ठंडक भी पहुंचाता है।
सप्तपर्णी के पाड़ की छाल में कई गंभीर बीमारियों का इलाज छिपा होता है। सप्तपर्णी के पेड़ जब पुराने हो जाते हैं तो इसके छाल को निकालकर उसके अर्क का सेवन कर सकते हैं। इस अर्क को पीने से दस्त रुक जाता है।
लंबे समय से अगर कोई बीमार हो या किसी प्रकार का इलाज चल रहा हो तो इसका सेवन करने से बचें। सप्तपर्णी का उपयोग आयुर्वेद चिकित्सकों की परामर्श से ही करें। इस औषधि की सही मात्रा उम्र और बीमारी के हिसाब से आयुर्वेद चिकित्सक ही तय कर सकता है। खुद से इसका सेवन न करें।
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