आज जब हम अपनी सेहत को लेकर बेहद जागरूक हो गए हैं और आज जब आधुनिकता और खराब लाइफस्टाइल खानपान की वजह से हमें आए दिन अपनी सेहत से जुड़े किसी ना किसी समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं। खास कर के हाई कोलेस्ट्रॉल की परेशानी काफी ज्यादा हो रही है. हाई कोलेस्ट्रॉल का प्रमुख कारण वसा युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन हो सकता है. इसलिए कोलेस्ट्रॉल मरीजों को लो फैट युक्त आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है. खासतौर पर कोलेस्ट्रॉल में आप किन तेल को शामिल कर रहे हैं, इस बात पर ध्यान देना बहुत ही जरूरी है. क्योंकि तेल में फैट की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है. कुछ ऐसे तेल हैं, जिसमें गुड फैट और कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है. इन तेल के सेवन से हाई कोलेस्ट्रॉल में होने वाली समस्याओं को कंट्रोल किया जा सकता है. आइए जानते हैं कोलेस्ट्रॉल रोगियों के लिए बेस्ट तेल कौन सा (Best Oil for Cholesterol) है?
ऑलिव ऑयल में गुड फैट मौजूद होता है, जो कोलेस्ट्रॉल मरीजों के लिए काफी हेल्दी माना जाता है. यह तेल विटामिन ए, ई, डी और के का काफी अच्छा स्त्रोत माना जाता है. इसके अलावा ऑलिव ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो कोलेस्ट्रॉल में होने वाली सूजन को कम कर सकता है.
आप मूंगफली के तेल को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं. इससे खाना पकाना आपके स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. यह तेल विटामिन ई और फाइटोस्टेरॉल का काफी अच्छा स्त्रोत होता हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी हो सकता है.
तिल का तेल कोलेस्ट्रॉल से मुक्त होता है। इसके अतिरिक्त, इसमें प्रत्येक चम्मच में 5 ग्राम से अधिक मोनोअनसैचुरेटेड वसा और 2 ग्राम संतृप्त वसा के साथ वसा की संतुलित मात्रा होती है। तिल के तेल का उपयोग सब्जियों को भूनने या सलाद ड्रेसिंग के एक घटक के रूप में किया जा सकता है, लेकिन यह अपने मजबूत, पोषक स्वाद के कारण अन्य प्रकार के खाना पकाने में हस्तक्षेप कर सकता है।
यह तेल कई संभावित स्वास्थ्य लाभों से भरा हुआ है और इसका उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है. चिया सीड ऑयल आपकी त्वचा को विभिन्न तरीकों से भी लाभ पहुंचा सकता है। चिया सीड्स के कई फायदे आपने सुने होंगे. ये छोटे बीज प्रोटीन और फाइबर से भरे होते हैं जो वजन घटाने (Weight Loss) में योगदान कर सकते हैं. चिया के बीज (Chia Seed) को कई तरीकों से अपने आहार में जोड़ा जा सकता है. ये मैग्नीशियम, जस्ता, विटामिन बी 4, पोटेशियम और एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्रोत भी हैं।
बढ़ता हुआ काेलेस्ट्राॅल कई प्रकार की बीमारियों जैसे डायबिटीज, किडनी संबंधी समस्या, थायरॉयड आदि का कारण बन सकता है । वहीं, एवोकाडो तेल मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है। इसमें पाए जाने वाले ये गुण हानिकारक कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल को कम करने के साथ ही लाभदायक कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल को बढ़ाने के लिए कारगर साबित हो सकते हैं। इसके अलावा, एवोकाडो तेल सीधे तौर पर हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिक प्रभाव यानी कोलेस्ट्रोल को कम करने वाला प्रभाव भी प्रदर्शित करता है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में एवोकाडो तेल लाभदायक साबित हो सकता है।
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