स्ट्रोक क्या है?
स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग के किसी हिस्से में ब्लड फ्लो अचानक रुक जाता है या अत्यंत कम हो जाता है. इसके कारण दिमाग के उस हिस्से की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते, जिससे गंभीर नुकसान हो सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अमेरिकन स्ट्रोक एसोसिएशन दोनों मानते हैं कि शुरुआती लक्षणों की पहचान और तुरंत मेडिकल मदद लेना स्ट्रोक के प्रभाव को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका है.
स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण
स्ट्रोक अक्सर अचानक होता है, लेकिन इसके कुछ शुरुआती संकेत शरीर में दिखने लगते हैं. इन्हें नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है. मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:
- अचानक और असामान्य तेज सिरदर्द जो पहले कभी नहीं हुआ हो.
- धुंधला या डबल विजन.
- चेहरे, हाथ या पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन, खासकर शरीर के एक ही हिस्से में.
- बोलने में कठिनाई या शब्द स्पष्ट न होना.
- अचानक संतुलन बिगड़ना या चलने में परेशानी.
- चेहरे के एक हिस्से का लटक जाना.
- अचानक भ्रम, याददाश्त में कमी या सही शब्द न मिलना.
इन संकेतों को देखना और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.
गंभीर स्ट्रोक और सबएरैक्नॉइड हैमरेज
कुछ स्ट्रोक अधिक गंभीर होते हैं, जैसे कि सबएरैक्नॉइड हैमरेज. यह अक्सर फटे हुए ब्रेन एन्यूरिज्म के कारण होता है. एन्यूरिज्म एक तरह का गुब्बारा होता है जो दिमाग की धमनियों की कमजोर दीवार पर बनता है. जब यह फटता है, तो दिमाग में खून बहता है और स्थिति अत्यंत गंभीर हो जाती है.
इसके मुख्य लक्षण हैं गर्दन में अकड़न. अचानक तेज सिरदर्द. आंख की मूवमेंट में कठिनाई, खासकर तीसरी क्रेनियल नर्व पर दबाव पड़ने से. ऐसे किसी भी लक्षण को इग्नोर नहीं करना चाहिए, क्योंकि समय पर उपचार जीवन बचा सकता है.