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India News (इंडिया न्यूज), Tedros Adhanom Ghebreyesus: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक, टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस, गुरुवार को यमन के सना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुए एक हवाई बमबारी हमले से बाल-बाल बच गए। इस हमले में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और विमान के चालक दल का एक सदस्य घायल हो गया। घेब्रेयसस और उनकी टीम संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और WHO के सहयोगियों के साथ एक विमान में सवार होने वाले थे, जब यह हमलावर हमला हुआ।
गुरुवार को, WHO प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर इस हमले के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वे और उनके सहयोगी सना से अपनी उड़ान भरने वाले थे, जब हवाई अड्डे पर हवाई बमबारी की घटना हुई। बमबारी के कारण रनवे और एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल टॉवर को नुकसान पहुंचा, और हवाई अड्डे के प्रस्थान लाउंज के पास कुछ मीटर की दूरी पर बमबारी के कारण क्षति हुई। इस हमले में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक चालक दल का सदस्य घायल हो गया। WHO प्रमुख ने यह भी बताया कि एयरपोर्ट को हुए नुकसान की मरम्मत होने तक वे वहां से उड़ान नहीं भर सके, लेकिन वे और उनके सहयोगी सुरक्षित थे।
टेड्रोस ने अपनी पोस्ट में कहा, “हम बंदियों की तत्काल रिहाई के लिए आह्वान करना जारी रखते हैं। हमारा मिशन यमन में स्वास्थ्य और मानवीय स्थिति का आकलन करने के लिए था और यह आज समाप्त हो गया। हम इस हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।”
इस घटना के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने की अपील की और जोर दिया कि नागरिकों और मानवीय कार्यकर्ताओं को कभी भी लक्ष्य नहीं बनाना चाहिए। गुटेरेस ने विशेष रूप से यमन में सना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, लाल सागर के बंदरगाहों और बिजलीघरों पर हवाई हमलों को खतरनाक करार दिया। उनके अनुसार, इन हमलों में कम से कम तीन लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए।
गुटेरेस ने सभी पक्षों से सैन्य कार्रवाई बंद करने और संयम बरतने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि ये हमले, जो नागरिक और मानवीय संरचनाओं को निशाना बना रहे हैं, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन हैं और इनकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव का बयान यमन में हो रही बढ़ती हिंसा के बीच आया, जिसमें इजराइल और हौथियों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इजराइली रक्षा बल (IDF) ने हाल ही में पश्चिमी तट और यमन के अंतर्देशीय हिस्सों में हौथियों के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में, हौथियों के सैन्य ढांचे और उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सुविधाओं को निशाना बनाया गया, जिनमें सना का हवाई अड्डा, हिज़्याज़ और रास कनातिब बिजलीघर शामिल थे।
इज़राइली वायु सेना द्वारा किए गए हमलों में सना हवाई अड्डे के अलावा यमन के पश्चिमी तट पर स्थित अल-हुदैदाह, सालिफ़ और रास कनातिब बंदरगाहों को भी निशाना बनाया गया। इन हमलों के कारण नागरिकों और मानवीय कार्यकर्ताओं के लिए खतरा बढ़ गया है, जिनके लिए यमन में राहत कार्य संचालित हो रहे हैं।
इस हमले के बाद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने यमन में बढ़ती हिंसा और संघर्ष के प्रति अपनी चिंता जताई है। यमन में लगभग सात सालों से जारी युद्ध ने वहां के नागरिकों के लिए एक गंभीर मानवीय संकट पैदा कर दिया है, जिसमें लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। युद्ध ने चिकित्सा सुविधाओं, बुनियादी ढांचे और अन्य आवश्यक सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे लाखों लोग खाद्य और चिकित्सा सहायता के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र और WHO लगातार यमन में शांति और मानवीय सहायता की जरूरत पर जोर देते रहे हैं, और यह घटना इस बात की और भी पुष्टि करती है कि संघर्ष में नागरिकों और मानवीय कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की आवश्यकता अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस पर यमन के सना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुआ हमला इस बात का संकेत है कि युद्ध क्षेत्रों में सुरक्षा की स्थिति बेहद कमजोर हो सकती है, खासकर जब नागरिक और मानवीय कार्यकर्ता जोखिम में होते हैं। संयुक्त राष्ट्र और WHO का यह कर्तव्य है कि वे यमन जैसे संकटग्रस्त देशों में मानवीय कार्यों को सुनिश्चित करें, लेकिन यह घटना दर्शाती है कि युद्ध के दौरान ऐसी सुरक्षा चुनौतीपूर्ण हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की जाती है कि वे हिंसा को तत्काल रोकें और शांति स्थापित करने के लिए प्रयासरत रहें, ताकि यमन के नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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