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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
इनफर्टिलिटी आजकल एक कॉमन समस्या बन चुकी है। ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरों में ये समस्या तेजी से बढ़ रही है। आंकड़े बताते हैं कि शहरों में छह में से एक दंपति इनफर्टिलिटी की समस्या झेल रहा है। इनफर्टिलिटी की खास वजह हमारा गलत खानपान, फिजिकल एक्टिविटी कम होना, जरूरत से ज्यादा तनाव, हार्मोन असंतुलन मोटापा, देर से शादी, धूम्रपान या अल्कोहल का सेवन आदि को माना जाता है। इनमें से ज्यादातर समस्याएं हमारी खराब लाइफस्टाइल का नतीजा हैं। इस तरह इनफर्टिलिटी का प्रमुख कारण खराब लाइफस्टाइल को माना जा सकता है। अगर आप भी इस समस्या का शिकार हैं, तो आपको एक बात अच्छी तरह से समझनी होगी। लाइफस्टाइल में बदलाव किए बगैर इस समस्या का निदान नहीं किया जा सकता। इसलिए आपको अपनी कुछ आदतों को बदलना जरूरी है। यहां जानिए इनके बारे में।
बहुत ज्यादा तनाव लेने से आपकी हाइपोथैलेमस ग्रंथि की कार्यप्रणाली पर असर होता है। आपके अंडाशय को अंडे रिलीज करने के लिए संकेत भेजने वाले हार्मोन को यही ग्रंथि प्रभावित करती है। ऐसे में अंडे की गुणवत्ता पर असर पड़ता है. वहीं अधिक तनाव पुरुषों के स्पर्म काउंट पर असर डालता है। इसके अलावा तनाव के चलते ही थायरॉयड समेत अनेक हार्मोनल परेशानियां व्यक्ति को घेर लेती हैं। जिसकी वजह से कंसीव करने में समस्या होती है।
एक्टिव स्मोकिंग और पैसिव स्मोकिंग दोनों ही सेहत के लिए खतरनाक होती हैं। आप में से अगर एक व्यक्ति भी स्मोकिंग करता है, तो उसका असर पैसिव स्मोकिंग के जरिए दूसरे की सेहत पर भी पड़ता है। सिगरेट से निकलने वाले विषाक्त पदार्थ प्रजनन अंगों को प्रभावित करते हैं। इससे अंडों और शुक्राणुओं के उत्पादन में भी कमी आती है। मोटापा सामान्य ओव्यूलेशन की दर को धीमा कर देता है। साथ ही हार्मोनल समस्याओं के लिए भी जिम्मेदार होता है। इसलिए अपने बीएमआई पर नजर रखिए और मोटापे को नियंत्रित रखिए।
बचाव के तरीके
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