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India News(इंडिया न्यूज), World Autism Awareness Day 2024: आज दुनिया भर में ऑटिज्म अवेयरनेस डे मनाया जा रहा है। ऑटिज्म विकलांगताओं में काफी अलग रुप है। इस दिन को ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों को सामाजिक संचार, भाषा विकास से उबरने और विभिन्न जीवन कौशल सीखने के लिए गहन प्रेरित किया जाता है।
इस रुप में कुछ लोग गंभीर लक्षणों से पीड़ित हो सकते हैं। कभी भी बोलना या आँख मिलाने में दिक्कत और कई अन्य तररह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऑटिज्म संज्ञानात्मक क्षमताओं को प्रभावित कर भी सकता है और नहीं भी। जबकि कुछ के पास असाधारण बुद्धि हो सकती है। जर्नल ऑफ ऑटिज्म एंड डेवलपमेंटल डिसऑर्डर में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 40 प्रतिशत ऑटिस्टिक लोगों में बौद्धिक विकलांगता होती है। जबकि बाकी में औसत या औसत से ऊपर की बुद्धि होती है।
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यह सच है कि ऑटिज्म से पीड़ित लोग वर्षों तक अज्ञात रह सकते हैं क्योंकि वे अपनी सभी गतिविधियों के लिए पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर नहीं हो सकते हैं। इसके विपरीत, गंभीर ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे संवाद करने में सक्षम नहीं होते हैं और अपनी जरूरतों को समझने के लिए पूरी तरह से अपने माता-पिता या अन्य देखभाल करने वालों पर निर्भर होते हैं।
हल्के ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों में मजबूत विश्लेषणात्मक और तार्किक क्षमताओं के साथ बेहतर स्मृति कौशल हो सकता है। वे विज्ञान, गणित और संगीत में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं। इन सभी कौशलों के कारण, कभी-कभी वयस्क होने तक उनकी स्थिति की पहचान नहीं की जा सकती है।
गंभीर ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों में आमतौर पर संचार की पूर्ण कमी होती है। जिससे उनकी जरूरतों को समझने के लिए वे अपने माता-पिता पर पूरी तरह निर्भर हो जाते हैं। डॉ का कहना है कि “इस तरह की परिवर्तनशीलता के कारण और स्वीकार्यता की कमी के कारण, ऑटिज्म को अक्सर कई वर्षों तक नजरअंदाज किया जाता है।
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