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World Heart Day 2025: इन टिप्स को अपनाएंगे तो दिल और दिमाग दोनों रहेगे शांत, जानें

Heart Day 2025: दिल और दिमाग का रिश्ता गहरा और अटूट होता है. लगातार चिंता और तनाव न केवल मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं, बल्कि हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ा सकते हैं.

Written By: shristi S
Last Updated: September 28, 2025 17:52:10 IST

Anxiety and Heart Disease Connection: हम अक्सर यह मानते हैं कि हमारी सेहत सिर्फ खान-पान और व्यायाम पर निर्भर करती है, लेकिन वैज्ञानिक बताते हैं कि हमारे दिमाग की स्थिति भी हमारे शरीर, खासकर दिल की सेहत पर गहरा असर डालती है. हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट में बताया गया है कि मानसिक स्वास्थ्य और हृदय रोगों के बीच एक मजबूत कनेक्शन मौजूद है.

भारत में एक पुरानी कहावत है कि  “चिंता चिता समान होती है”. यह कहावत यद्यपि सदियों पुरानी है, लेकिन आज के समय में इसकी प्रासंगिकता और बढ़ गई है. आधुनिक जीवनशैली, काम का दबाव, आर्थिक चुनौतियां और व्यक्तिगत समस्याएं हमारे मन को अक्सर बेचैन कर देती हैं. थोड़ा बहुत तनाव सामान्य है, लेकिन लगातार बनी चिंता यानी एंजाइटी (Anxiety) हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती है। यह विशेष रूप से दिल को प्रभावित कर सकती है.

वैज्ञानिक क्या कहते हैं?

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार तनाव और चिंता दिल की बीमारियों के अप्रत्यक्ष कारण हो सकते हैं. लेकिन अच्छी खबर यह है कि कुछ आसान उपायों से न केवल चिंता को कम किया जा सकता है बल्कि दिल की सेहत को भी मजबूत बनाया जा सकता है. इनमें सबसे प्रभावी तरीका है माइंडफुलनेस (Mindfulness). माइंडफुलनेस एक प्राचीन ध्यान तकनीक है, जो वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करने और मानसिक शांति पाने में मदद करती है. आइए जानते हैं कुछ आसान तरीकों के बारे में, जिनसे इसे रोजमर्रा की जिंदगी में अपनाया जा सकता है.

 

ध्यानपूर्वक सांस लें

सांस लेने पर ध्यान देना माइंडफुलनेस का सबसे सरल और असरदार तरीका है. जब हम तनाव में होते हैं, हमारी सांस अनियमित हो जाती है, जिससे दिल की धड़कन तेज और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. इसके लिए आप सबसे पहले आराम से बैठ जाएँ और अपनी आंखें बंद करें. नाक से गहरी सांस लें, 1 से 4 तक गिनते हुए. एक पल के लिए सांस रोकें. फिर धीरे-धीरे मुंह से 1 से 6 तक गिनते हुए सांस बाहर छोड़ें. इसे पांच मिनट तक दोहराएं, खासकर जब आप चिंतित महसूस करें. इस अभ्यास को नियमित करने से न केवल मन शांत होगा, बल्कि दिल और रक्तचाप पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

बॉडी स्कैन का अभ्यास

हमारी चिंता अक्सर शारीरिक रूप में प्रकट होती है – कंधों का तनाव, जबड़े का कस जाना या तेज दिल की धड़कन। बॉडी स्कैन तकनीक इन तनावों को पहचानने और उन्हें दूर करने में मदद करती है। इसके लिए आपको एक शांत जगह पर बैठना या लेटना है, इसके बाद ध्यान धीरे-धीरे सिर से पैर तक ले जाएं, शरीर के प्रत्येक हिस्से पर ध्यान दें और तनाव महसूस होने पर धीरे-धीरे उसे छोड़ने की कल्पना करें. जो लोग नियमित रूप से बॉडी स्कैन करते हैं, उनके अनुसार इससे नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है और दिल पर तनाव भी कम पड़ता है.

माइंडफुल वॉक अपनाएं

अगर लंबे समय तक ध्यान में बैठना कठिन लगता है, तो माइंडफुल वॉक एक बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल शारीरिक गतिविधि है, बल्कि माइंडफुलनेस का अभ्यास भी है. इसके लिए आप शांत वातावरण में 10-15 मिनट तक पैदल चलें. अपने कदमों की लय, पैरों के जमीन से संपर्क और आसपास की आवाज़ों पर ध्यान दें. ध्यान भटकने पर धीरे-धीरे अपने कदमों और चलने की क्रिया पर वापस ध्यान केंद्रित करें. इस अभ्यास से आपका मन शांत रहेगा और दिल की सेहत भी बेहतर बनी रहेगी.

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