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8 Home Remedies to Keep Baby’s Teeth and Gums Healthy : दांतों में सड़न और मसूडों से जुड़ी समस्याएं बहुत से लोगों को परेशान करती है। पर बच्चों में ये परेशानी थोड़ी ज्यादा होती है। बच्चों के दांत कमजोर होते हैं और बहुत जल्दी सड़ जाते हैं। बच्चों के दांत में कीड़ा लगने का सबसे बड़ा कारण होता है उनका कमजोर इनैमल।
हमारे इनैमल बड़े होने के साथ मजबूत होते हैं और बच्चों में ये कमजोर होता है। जब बच्चे कोल्ड ड्रिंक और चॉकलेट जैसी चीजों को खाते हैं तो ये इनैमन को और कमजोर करता है और इससे दांतों में सड़न हो जाती है। बच्चों को दांतों और मसूड़ों के सड़न से बचाने के लिए जरूरी है कि आप उन्हें कुछ ऐसी चीजें खिलाएं हैं जो कि उनके दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखे।
अंडे विशेष रूप से अंडे की जर्दी में विटामिन डी होता है। दांतों के इनेमल के निर्माण और सुरक्षा के लिए आवश्यक खनिज है। इसमें कैल्शियम और फॉस्फेट भी है जो कि दांतों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी भी है। इसके लिए रोज अपने बच्चे को एक अंडा खाने को दें। वे अगर अंडा नहीं खाना चाहतें तो उन्हें इससे बनी कोई रेसिपी खाने को दें।
हरी पत्तेदार सब्जियां फोलेट से भरपूर होती हैं और दांतों के लिए फोलेट के फायदे कई हैं। हरी सब्जियों में मिलने वाला फोलेट मसूड़ों की सूजन को कम कर सकता है और प्लॉक को कम कर सकता है। साथ ही ये ब्लीडिंग गम्स की समस्या को भी कम करता है और मसूड़ों की बीमारी से बचाव में मदद करता है।
नट और सीड्स में नेचुरल फैट्स होते हैं जो दांतों तो एक सुरक्षित कोटिंग देते हैं और बैक्टीरिया से बचाव में मदद करते हैं। बीजों में मौजूद तेल गम्स को मजबूत करने में मदद करते हैं और बच्चों के दांतों को स्वस्थ बनाते हैं। ऐसे में आप अपने बच्चों को सूरजमुखी के बीज खिला सकते हैं। सूरजमुखी के बीजों में फोलिक एसिड भी होता है जो कि मसूड़ों की सूजन को कम करता है।
इसके अलावा आप अपने बच्चों के दांतों और गम्स को मजबूत बनाना चाहते हैं तो उन्हें ज्यादा मीठी चीजों को खाने से रोकें। उन्हें बताएं कि इससे उनके दांत सड़ जाएंगे और उनके मसूड़ों का नुकसान हो सकता है। साथ ही उनमें ओरल हेल्थ केयर की कुछ अच्छी आदतें डालें। जैसे कि उन्हें हर बार खाने के बाद कुल्ला करना सिखाएं। उन्हें बताएं कि दिन में दो बार ब्रश करना जरूरी है। साथ ही उन्हें ढ़ेर सारे फल-फ्रूट खाने और दिन भर में बार-बार पानी पीते रहने के लिए मोटिवेट भी करें।
आंवले की कैंडी बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है। ये आंवले से बनती है और दांतों को मजबूत बनाती है। आंवला में एंटीआॅक्सिडेंट और विटामिन सी की अच्छाई होती है। जो मुंह में बैक्टीरिया और संक्रमण से लड़ने में मदद करती है और मसूड़ों को ठीक करती है।
साथ ही ये प्राकृतिक क्लींजर के रूप में भी काम करती है और आपके बच्चों के मुंह से आने वाली सांसों की दुर्गंध को कम करने में मददगार है। आप अपने बच्चे को रोजाना एक ताजा आंवला खिला सकते हैं और आधा कप पानी में आधा चम्मच सूखा आंवला पाउडर मिला कर दे सकते हैं।
ब्रेड, सफेद आलू और पास्ता जैसे स्टार्चयुक्त काबोर्हाइड्रेट शुगर में टूट जाते हैं। इस शुगर आपके बच्चे के मुंह में के बैक्टीरिया अपना खाना बनाते हैं और कैविटी पैदा करने वाले एसिड का उत्पादन करते हैं। जब आपका बच्चा दूध पीता है या पनीर खाता है जो कैल्शियम, विटामिन डी और फॉस्फेट से भरपूर होता है। यह उसके मुंह में पीएच स्तर को बढ़ाता है। एसिड के स्तर को कम करता है और दांतों की सड़न के जोखिम को कम करता है।
ये आपके एनेमल को मजबूत बनाता है और दांतों से चिपक जाता है। आगे चलकर उन्हें एसिड से बचाता है। यह क्षतिग्रस्त दांतों की मरम्मत करता है और आपके बच्चे के दांतों के आसपास की हड्डियों को मजबूत करता है, जिससे वे बाद में पीरियडोंटल बीमारी से बचे रहते हैं। इसी तरह दही में प्राकृतिक प्रोबायोटिक बैक्टीरिया होते हैं जो कि प्लाक बिल्डअप और मसूड़े की सूजन का कारण बनते हैं। बच्चों के दांतों को मजबूत बनाने के लिए उन्हें दूध, दही और पनीर जैसे मिल्क प्रोडक्ट्स जरूर खाने को दें।
आपके बच्चे के मुंह में कई अलग-अलग प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं। उनमें से कुछ मसूड़े की सूजन का कारण बन सकते हैं। संतरे, नीबू, कीवी, खरबूजा, पपीता और स्ट्रॉबेरी जैसे फलों में विटामिन सी होते हैं जो कि इन बैक्टीरिया को मारने का काम करते हैं। यह मसूड़ों में कोलेजन की कमी को दूर करते हैं।
खट्टे खाद्य पदार्थ या कोई ड्रिंक पीने के बाद बच्चों को अपने दांत ब्रश करने से पहले कम से कम 30 मिनट तक बच्चों को रूकने को कहें। ऐसा इसलिए क्योंकि फलों में साइट्रिक एसिड होता है जो कि दांतों के इनैमल को कमजोर कर सकता है और दांतों को ब्रश करने से इनका क्षरण हो सकता है।
रागी कैल्शियम के बहुत कम शाकाहारी स्रोतों में से एक है और इसमें बाकी अनाज की तुलना में ज्यादा कैल्शियम है। बच्चों को रागी खिलाने के फायदे ज्यादा हैं क्योंकि ये बच्चों में हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं और उनके दांतों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
साथ ही रागी में विटामिन सी भी होता है जो कि दांतों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है। साथ जो बच्चे कमजोर हैं या उनमें खून की कमी है। उनके लिए भी रागी में मिलने वाला आयरन भी फायदेमंद है। आप अपने बच्चों को रागी की रोटी, दलिया और कुकीज बना कर दे सकते हैं।
तिल के छोटे-छोटे बीज कैल्शियम से भरपूर होते हैं। जो आपके दांतों को स्वस्थ और मजबूत रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा तिल दांत में जमा प्लाक को भी साफ करने में मदद करते हैं। इस तरह तिल के बीज स्वस्थ दांतों के लिए बहुत फायदेमंद है। आप अपने बच्चों को तिल के लड्डू और तिल से बनी दूसरी चीजें दे सकते हैं।
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