Air Pollution Neck Problem वायु प्रदूषण हमारे शरीर के अंगों और कई फंक्शन्स को नुकसान पहुंचा सकता है। ये सीओपीडी यानी क्रॉनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज ब्रोन्कियल अस्थमा, एलर्जी, थकान, चिंता, सिरदर्द, आंख, गले और नाक में जलन को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही इससे नर्व्स यानी तंत्रिका और हृदय प्रणाली को संभावित नुकसान पहुंचा सकता है। दिवाली के आगमन के साथ ही भारत के कई हिस्सों में हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है।
ऐसे समय में महामारी से निपटने के साथ-साथ अपनी हेल्थ का ध्यान रखना और भी जरूरी हो गया है। बढ़ते वायु प्रदूषण ने पहले से मौजूद कोरोनावायरस-प्रेरित समस्याओं को और बढ़ा दिया है। दिवाली आने से पहले ही राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों को प्रदूषण ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया था, लेकिन दिवाली के ठीक अगले दिन की सुबह तो स्थिति और भी गंभीर हो गई।
दिवाली आने से पहले तक जिस दिल्ली में एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत खराब था। लेकिन अब ये खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। 5 नवंबर (दिवाली के अगले दिन) की सुबह राजधानी दिल्ली के सभी इलाकों से आए एक्यूआई के आंकड़े तो कुछ ऐसी ही कहानी बता रहे हैं। वायु प्रदूषण हमारे शरीर के अंगों और कई फंक्शन्स को नुकसान पहुंचा सकता है।
ये सीओपीडी यानी क्रॉनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज ब्रोन्कियल अस्थमा, एलर्जी, थकान, चिंता, सिरदर्द, आंख, गले और नाक में जलन को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही इससे नर्व्स यानी तंत्रिका और हृदय प्रणाली को संभावित नुकसान पहुंचा सकता है।
पटाखों को न जलाएं या अगले दिन उत्पन्न कचरे को भी न जलाएं। इनसे कई तरह की गैस निकलती है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। पटाखों में कॉपर, कैडमियम, सल्फर, एल्यूमीनियम, और बेरियम मिला होता है। इसके अलावा चमक पैदा करने के लिए इनमें वाइब्रेंट कलर मिलाया जाता है।
इनसे ऐसे कण पदार्थ और गैसें (जैसे नाइट्रोजन आक्साइड और सल्फर डाइआक्साइड) निकलती हैं जो घंटों तक वातावरण में घूमती रहती है। ये हमारी आंखों में चुभते हैं और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते है। सांस लेने में तकलीफ होती है, दम सा घुटने लगता है।
यदि आपके घर में उचित वेंटिलेशन (हवा के बाहर निकलने का रास्ता) नहीं है। तो धुआं जमा रहेगा और निकालने में काफी समय लगेगा। धुएं की इस स्थिर हवा में सांस लेना अस्वस्थ और दम घुटने वाला होता है। सुनिश्चित करें कि आपने सभी खिड़कियां और दरवाजे खोल दिए हैं ताकि धुआं निकल जाए। वेंटिलेशन आपके घर के वातावरण को हेल्दी रखता है।
घर में नॉर्मल मोमबत्तियों की जगह मधुमोम (मधुमक्खियों द्वारा उनके छत्ते में उत्पादित एक प्राकृतिक मोम) की मोमबत्तियों का इस्तेमाल करें। ये हानिकारक धुएं को कम करते हुए आपके घर को रोशन करेंगी। यह हवा में मौजूद जहरीले यौगिकों को भी बेअसर कर देगी। और हवा को शुद्ध करने और प्रदूषण को अपने अंदर जाने से रोकने का एक आसान तरीका है।
कुछ हाउसप्लांट्स यानी घर में रखे जाने वाले पौधे भी घर के अंदर की हवा को ताजा, आरामदायक और प्रदूषण रहित रखते हैं। ये अमोनिया, फॉर्मलाडेहाइड और बेंजीन से छुटकारा पाने में भी काफी प्रभावी हैं। इसलिए इन पौधों के रूप में आपको ऐसे एयर फिल्टर मिलते हैं जो प्राकृतिक, सुंदर और स्वास्थप्रद होते हैं।
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