विशेष.. (Amla or Shahad Ke Fayde)
(1). इसके सेवन से वीर्य विकार नष्ट होते है। प्रमेह एवं मूत्र-ग़ड़बड़ी ठीक होती है। पेशाब में धातु जाने का रोग अच्छा होता है। वीर्य पुष्ट और वीर्य के विकार नष्ट करने वाली इसके बराबर शायद ही कोई दूसरी ओषधि हो।
(2). इससे आमाशय को बल मिलता है और शरीर में नए रक्त का निमर्ण होता है।
(3). सवन-काल में ब्रम्हचर्य पालन करें और तेल, मिर्च, खटाई, गरिष्ट और तले पदार्थो से परहेज करें।
(4). सोम रोग की शिकार महिलाएं जिनकी पेशाब रोकने की सक्षमता के क्षय हो जाने से चेहरा बिलकुल निस्तेज हो गया हो और मूत्रस्त्रव बहुत अधिक होता हो, इस प्रयोग से उनका सोम रोग नष्ट होकर सौंदर्य लूट आता है।
(5). मासिक धर्म की अवधि में अमियमित्ता और मासिक धर्म की गड़बड़ियों में डॉकटरो के पास भागने से पहले आज इसे आजमा कर देंखे तो नब्बे प्रतिशत मामलों में यह प्रयोग प्रणाली को स्वाभिक दशा में ले आता है।
(6). सिरदर्द, नेत्ररोग आदि अनेकानेक रोगो से छुटकारा प्राप्त होकर नवजीवन प्राप्त होता है।
(7). उपरोक्त प्रयोग के साथ यदि आंवलों या त्रिफला जल से आँखों को धोते रहने से मोतियाबिंद को आराम मिलता है।
(8). ताजे आंवले को चबाने से मुख की गर्मी शांत होती है, आँखे स्वस्थ रहती है, कब्ज दूर रहती है, दिल और दिमाग की शक्ति बढ़ती है व चेहरे पर नई रौनक आती है। एक ताजा आंवले में नारंगी की अपेक्षा बीस गुना विटामिन ‘सी’ होता है।
(9). महर्षि चरक का मत है की जगत में जितनी भी रसायन औषधियां है उन सबमे आंवला उत्कृष्ट है, क्योंकि इसमें जितने रोग निवारक, रक्तशोधक और आरोग्यवर्धक गुण है, उतने किसी अन्य वस्तु में नही।