इंडिया न्यूज :
Dengue : डेंगू एक नए प्रकोप जैसा पूरे देश में फैलता नजर आ रहा है। पूरे देश में डेंगू के गंभीर संक्रमण के कारण मरने वालों का आंकड़ा ज्यादा है और हजारों लोग हॉस्पिटल में एडमिट हैं।
डेंगू एक ऐसी समस्या है देश में फैलता नजर आ रहा है। और जानलेवा साबित हो सकती है। बड़ों के मुकाबले ये बच्चों में अधिक मात्रा होती जा रही वहीं ये समस्या गर्भवती महिला से उसके बच्चे तक पहुंच सकती है।
बच्चों से लेकर बड़े और बूढ़े तक सभी बीमार हो रहे हैं। इन दिनों डेंगू के काफी मामले सामने आ रहे हैं। डेंगू मच्छरों से फैलने वाली समस्या है।
डेंगू की गंभीर स्थिति जानलेवा होती है। चौंकाने वाली बात ये है कि बड़ों के मुकाबले बच्चों में इसकी तीव्रता बड़ों के मुकाबले बच्चों में कही अधिक होती है।
(Dengue)
ऐसे में वयस्कों के साथ साथ बच्चों को इस समस्या से खासतौर पर बचाने की जरूरत है। वहीं गर्भवती महिलाओं और बच्चों को फीड कराने वाली महिलाओं को डेंगू से खासतौर पर बचाव करना चाहिए
क्योंकि अगर बच्चे को जन्म देते समय मां डेंगू से पीड़ित है, तो बच्चा भी संक्रमित हो सकता है। वहीं संक्रमित मां का दूध पीने से भी बच्चा डेंगू का शिकार बन सकता है। जानिए इस खतरनाक समस्या से जुड़ी खास बातें।
डेंगू एक तरह का वायरस है जो एडीज मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। ये मच्छर ज्यादातर दिन में काटता है। ज्यादातर ये मच्छर इकट्ठे या ठहरे हुए पानी में अंडे देता है
इसलिए अपने घर में नालियों, कूलर, पुराने टायर, टूटे डिब्बों आदि कहीं पर भी पानी इकट्ठा न होने दें। इसके अलावा साफ पानी को भी ढंक कर रखें।
डेंगू के शुरूआती लक्षण वायरल जैसे होते हैं और मच्छर के काटने के करीब दो से तीन दिन बाद दिखाई देते हैं। ऐसे में लक्षणों को नजरअंदाज करने की गलती न करें क्योंकि यदि ये समस्या गंभीर हो गई तो जानलेवा साबित हो सकती है। मच्छर काटने के करीब 3 से 5 दिनों के बाद दिखाई देता है। तेज बुखार, शरीर और सिर में दर्द इसके आम लक्षण हैं।
डेंगू के लक्षण हल्के और गंभीर दो तरह के होते हैं। बड़ों के मुकाबले, बच्चों में इस बीमारी की तीव्रता अधिक होती है। डेंगू का गंभीर लक्षण मृत्यु का कारण भी बन सकता है। देश में लगातार डेंगू फैलने से बच्चों सहित बड़ों की मौत के कई केस सामने आ रहे हैं।
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*सामान्य से अधिक रोना
*तेज बुखार, खांसी
*मुंह, होंठ और जीभ का सूखना
*सांस लेने में तकलीफ होना
*सुस्ती, कमजोरी और चिड़चिड़ापन
*वॉमिटिंग के कारण शरीर में पानी की कमी होना
*हाथ-पैर का ठंडा होना, कई बार शरीर का रंग भी बदल जाता है
एक हेल्दी बॉडी के ब्लड में डेढ़ से चार लाख प्लेटलेट्स होते हैं। प्लेटलेट्स बॉडी में ब्लीडिंग को रोकने का काम करते हैं। डेंगू का वायरस आमतौर पर प्लेटलेट्स को कम कर देता है, जिससे बॉडी में ब्लीडिंग शुरू हो जाती है।
डेंगू होने पर प्लेटलेट्स काउंट 40 हजार से 20 हजार तक पहुंच जाता है। 40-50 हजार प्लेटलेट्स तक ब्लीडिंग नहीं होती, लेकिन अगर किसी मरीज में प्लेटलेट्स 20 हजार या उससे नीचे पहुंच जाएं तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
घर और आसपास की जगहों को साफ और व्यवस्थित रखें मच्छर ज्यादातर गंदे या ठहरे हुए पानी में ही पनपते हैं। घर के अंदर और बाहर उन सभी जगहों को साफ करें जहां पानी जमा होने की आशंका हो जैसे- पुराने टायर, टूटी बोतल, डिब्बे, वाटर कूलर, नालियां।
खिड़कियों और दरवाजों पर नेट लगाएं: घर के अंदर मच्छर खिड़की और दरवाजों से आते हैं। खिड़की और दरवाजे या दूसरे एंट्रेंस पर नेट लगाने से डेंगू के कहर से बचा जा सकता है।
अगर डेंगू हो जाए तो क्या करें (Dengue)
यदि आपको फीवर हो या डेंगू के कोई भी लक्षण दिखे तो जल्द ही डॉक्टर को दिखाएं। जितना हो सके आराम करें। ऐसे ड्रिंक्स लें जिनमें इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा ज्यादा हो। डॉक्टर की सलाह के बिना दवाइयां न लें, खासकर एस्पिरिन या इबुप्रोफेन।
हल्के लक्षण होने पर डॉक्टर की सलाह से घर पर ही बीमार सदस्यों की देखभाल की जा सकती है।गर्भवती महिलाओं में डेंगू का खतरा अधिक, बच्चे पर भी पड़ सकता है।
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