होम / Disadvantages Of Wearing Sweater At Night : सर्दियों में रात को स्वेटर पहनकर सोना, कई बीमारियां होना

Disadvantages Of Wearing Sweater At Night : सर्दियों में रात को स्वेटर पहनकर सोना, कई बीमारियां होना

Suman Tiwari • LAST UPDATED : January 11, 2022, 12:09 pm IST

इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
Disadvantages Of Wearing Sweater At Night: सर्दियों में खुद को गर्म रखने के लिए कई लोग गर्म कपड़े पहनकर सोते हैं। इससे ठंड से राहत तो मिल जाती है, लेकिन गर्माहट भरी नींद पाने का ये तरीका स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है। स्वेटर या ऊनी कपड़े पहन कर सोने से आपके शरीर पर कई तरह के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। ऐसा ऊन के क्वालिटी के कारण होता है।

आपको बता दें ऊन ऊष्मा का कुचालक होता है। सर्दियों में शरीर के ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाते हैं। ऊनी कपड़े पहनकर सोने पर शरीर तो गर्मा हो जाता है। लेकिन शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती है, जिससे बेचैनी, घबराहट, बीपी की समस्या होने लगती है।

कैसे पहचाने की ऊन से एलर्जी है (Winter Care Tips)

कुछ लोगों को ऊन से एलर्जी भी हो जाती है। इनके लक्षण बड़े आम से होते हैं जैसे कि शरीरी में खुजली की समस्या होना। स्किन पर रैशेज हो जाना। आंखें चिड़चिड़ी रहना। नाक बहना और खांसी आदि की समस्या रहना।

नींद में पड़ता है खलल (Disadvantages Of Wearing Sweater At Night)

ऊनी कपड़े पहनकर सोने से कई लोगों की रात की नींद खराब हो जाती है। अच्छी नींद के लिए शरीर को टेम्परेचर मेंटेन करना पड़ता है। मगर स्वेटर पहनकर सोने पर ऐसा बिलकुल मुमकिन नहीं हो पाता है। स्वेटर पहनने पर बॉडी का टेम्परेचर अंदर ही ट्रैप हो जाता है। इस कारण रात को सोते समय बेचैनी महसूस हो सकती है। अगली सुबह आपको थकान और आलस भी रह सकता है।

डायबिटीज और हार्ट वालों को खतरा (Disadvantages Of Wearing Sweater At Night)

Health risks: ऊनी कपड़ों के रेशे सामान्य कपड़े के रेशों की तुलना में मोटे होते हैं। उनके बीच कई एयर पॉकेट होते हैं जो एक इन्सुलेटर के रूप में काम करते हैं। सर्दियों में हम स्वेटर पहनकर कंबल में सो जाते हैं तो हमारे शरीर का टेम्परेचर बढ़ जाता है। शरीर का बढ़ टेम्परेचर डायबिटीज और हार्ट के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए लोगों को स्वेटर के बजाए कॉटन के कपड़े पहनकर सोना चाहिए।

पूरे शरीर पर पैचेज हो सकते हैं (Disadvantages Of Wearing Sweater At Night)

Health risks: गर्मी हो चाहे सर्दी हो शरीर में पसीना आता ही है। बता दें सर्दियों में ठंड के कारण पसीना आने का एहसास नहीं होता है। कहते हैं कि स्वेटर में पसीना सोखने की क्षमता बहुत अधिक नहीं होती है। इसलिए पसीना और स्वेटर की गर्मी से स्किन के पोर्स बंद हो जाते हैं। इससे पूरे शरीर में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। बाहर की हवा ना जाने के कारण पसीना शरीर पर ही बना रहता है। कई बाद इंफेक्शन के कारण शरीर पर पैचेज भी हो जाते हैं।

क्यों नहीं हो पाता शरीर का टेम्परेचर रेगुलेट

Avoid sweaters while sleeping: दरअसल स्वेटर पहनने के बाद आपके शरीर का ऊपरी तापमान तो कम हो जाता है लेकिन अंदर का तापमान रेगुलेट नहीं हो पाता है। रात को सोते समय शरीर का टेम्परेचर कम होना चाहिए। इससे शरीर की हीलिंग प्रोसेस और रिकवरी बेहतर होती है। इसके अलावा शरीर का मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होता हे। स्वेटर पहनकर सोने की वजह से शरीर का टेम्परेचर रातभर ज्यादा रहता है।

मोजे और दस्ताने भी करते हैं नुकसान

ऊन में थर्मल इंसुलेशन अच्छा होता है, लेकिन यह पसीना नहीं सोख पाता है। इसलिए ये बैक्टीरिया के पैदा होने और पनपने का कारण बनता हे। जिससे पैरों या हाथों में एलर्जी होती है, स्किन भी झड़ जाती है। पसीना सोखने के लिए कॉटन के मोजे पैरों के लिए ज्यादा आरादायक होते हैं। अगर आपको सर्दियों में पहनना ही तो रात को सोते समय ऊनी मोजे के बजाए कॉटन के मोजे पहन कर सो सकते हैं।

READ ALSO : Benefits of Almonds And Poppy Seeds जानिए बादाम और खसखस का मिश्रण सेहत के लिए है फायदेमंद

Connect With Us : Twitter Facebook

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.