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हाटी समुदाय को आरक्षण पर CM सुक्खू का बड़ा बयान, बोले- 'न्यायालय में मज़बूती से पैरवी …'

BY: Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : November 12, 2024, 8:57 pm IST
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हाटी समुदाय को आरक्षण पर CM सुक्खू का बड़ा बयान, बोले- 'न्यायालय में मज़बूती से पैरवी …'

India News HP(इंडिया न्यूज़),Sirmaur News : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार हाटी समुदाय का पक्ष न्यायालय में मजबूती से रखेगी। सोमवार शाम सिरमौर जिले में पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय रेणुका जी मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या पर लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सभी औपचारिकताएं पूरी करने के 12 घंटे के भीतर हाटी समुदाय को आरक्षण देने की अधिसूचना जारी कर दी है।

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हाटी समुदाय अनुसूचित जनजाति में शामिल

हिमाचल प्रदेश सरकार ने 1 जनवरी को हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने संबंधी अधिसूचना जारी की थी। सीएम ने जोर देकर कहा कि सरकार समुदाय के साथ मजबूती से खड़ी है और राज्य सरकार सिरमौर जिले के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रदेश सरकार ने लोगों को राहत प्रदान करने के लिए राजस्व लोक अदालतों का आयोजन किया है, जिसके माध्यम से राज्य भर में 2 लाख से अधिक म्यूटेशन मामलों का निपटारा किया गया है, जिनमें अकेले सिरमौर जिले में 13,000 से अधिक मामले शामिल हैं।

सीएम ने बीजेपी पर जमकर बोला हमला

भाजपा की आलोचना करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली जयराम ठाकुर सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए जनता के पैसे का दुरुपयोग किया, चुनावों को प्रभावित करने के लिए 5 हजार करोड़ रुपये मुफ्त बांटे।

उन्होंने कहा कि बिना किसी बजटीय प्रावधान के संस्थान खोले गए और संपन्न समूहों को सब्सिडी दी गई। सीएम ने कहा कि जनता के पैसे को राजनीतिक लाभ के लिए बर्बाद नहीं किया जा सकता।

सीएम ने आगे कहा कि उनकी प्राथमिकता ऐसे फैसले लेना है, जिनसे वंचितों को आज लाभ मिले और उन्हें कल की चिंता न करनी पड़े। मेले के बारे में बात करते हुए सीएम ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेला न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतिनिधित्व करता है।

वर्ष 2022 में आया था विधेयक

ज्ञात हो कि उत्तराखंड के जौनसार बाबर को जनजाति का दर्जा मिलने के बाद ट्रांसगिरि क्षेत्र के हाटी समुदाय के लोग वर्ष 1967 से संघर्ष कर रहे थे। कई वर्षों तक लगातार संघर्ष के बाद 14 सितंबर 2022 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाटी समुदाय की मांग को अपनी मंजूरी दे दी। इसके बाद केंद्र सरकार ने 16 दिसंबर 2022 को इस विधेयक को लोकसभा से पारित करा लिया। इसके बाद यह विधेयक राज्यसभा से भी पारित हो गया।

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