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India News HP (इंडिया न्यूज),Himachal Employee Salary: हिमाचल प्रदेश इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है। अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की है कि हिमाचल में कर्मचारियों को पांच सितंबर को वेतन जबकि 10 सितंबर को पेंशन दी जाएगी। ब्याज की राशि बचाने के लिए यह फैसला लिया गया है। यह जानकारी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में दी।
सीएम सुक्खू ने कहा कि इससे हर महीने तीन करोड़ रुपये की बचत होगी। सीएम ने कहा कि कर्मचारियों को वेतन और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए राज्य सरकार को कर्ज लेना पड़ता है। इस पर राज्य सरकार तीन करोड़ रुपये ब्याज देती है। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार को हर महीने की छह तारीख को भारत सरकार से राजस्व घाटा अनुदान मिलता है। इसके अलावा हर महीने की 10 तारीख को केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से के तौर पर भारत सरकार से 740 करोड़ रुपये मिलते हैं।
सीएम सुक्खू ने कहा, “वित्तीय अनुशासन के लिए वर्तमान सरकार ने राजस्व प्राप्तियों के साथ व्यय को मैप करने का प्रयास किया है, ताकि उधारी पर ब्याज का अनावश्यक बोझ कम किया जा सके। इस तरह से प्राप्तियों के साथ व्यय को मैप करने से सरकार को हर महीने लगभग 3 करोड़ रुपये की राशि की बचत होगी। यह व्यवस्था सरकारी बोर्ड और निगमों के लिए नहीं होगी, वे अपने संसाधनों का आकलन करके अपने निर्णय ले सकते हैं।”
सुक्खू ने कहा कि भारत सरकार से प्राप्त अनुमति के आधार पर बाजार से ऋण जुटाने के लिए मात्र 2 हजार 317 करोड़ रुपये शेष बचे हैं, जिसका राज्य सरकार को अगले चार महीनों यानी सितंबर से दिसंबर तक विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना होगा।
इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में मामला उठाया था। जयराम ठाकुर ने कहा था कि कर्मचारियों को वेतन और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन न मिलने से प्रदेश में गंभीर स्थिति पैदा हो गई है। इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जयराम ठाकुर अब कर्मचारी हितैषी बनने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर की सरकार पांच साल तक आंकड़े छिपाती रही। कांग्रेस सरकार सबको जनता के बीच ले जाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर 2022 को जब कांग्रेस सत्ता में आई तो प्रदेश में आर्थिक संकट था और इसे जनता से छिपाने का प्रयास किया गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अब प्रदेश आर्थिक संकट से आगे निकल चुका है और प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल की ओर बढ़ रही है।
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