India News (इंडिया न्यूज़),Himachal News: प्रदेश सरकार ने ही राज्य बिजली बोर्ड को घाटे में डाल दिया है। उपभोक्ताओं से 366.44 करोड़ रुपये की राशि वसूल की जानी है, बोर्ड को सरकार से 328 करोड़ रुपये लेने हैं, जबकि 36000 कनेक्शन अभी भी पड़े हुए है और पेंशनरों को 260 करोड़ रुपये देने के नाम पर घाटे को याद किया जा रहा है। यह बात शनिवार को विद्युत बोर्ड पेंशनर्स मंच की राज्य स्तरीय बैठक में पदाधिकारियों ने कही।बैठक में मंच की नई कार्यकारिणी का गठन भी किया गया, जिसमें केएस गुप्ता को अध्यक्ष और कुलदीप खरबड़ा को वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया। बैठक में कैबिनेट सब कमेटी को भंग करने की भी मांग की गई। सरकार के पास इतने कनेक्शन लंबित हैं।
मंडी में आयोजित राज्य स्तरीय बैठक में कुलदीप खरबड़ा ने कहा कि बिजली बोर्ड के घाटे में जाने का कारण सरकार की अनदेखी और अधिकारियों की लापरवाही है। सरकार के पास अभी भी 36000 बिजली कनेक्शन लंबित हैं, जो लगने पर बोर्ड को राजस्व देंगे, लेकिन स्मार्ट मीटर के कारण सभी बंद हो गए हैं। अकेले जल शक्ति विभाग पर 121 करोड़ रुपये का कर्ज है, लेकिन बोर्ड के अधिकारी इसे लेकर गंभीर नहीं हैं। अगर सरकार समय रहते इस लंबित भुगतान को ले ले तो बिजली बोर्ड को पुरानी स्थिति में लाया जा सकता है।
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सरकार अब 66 केवी सर्विस स्टेशन आदि एचपीटीसीएल को देने पर विचार कर रही है, लेकिन उससे पहले सरकार कर्मचारियों को लेकर स्थिति स्पष्ट करे कि पेंशनर्स किसके अधीन रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार 2019 के समझौते को न भूले। वहीं, नवनियुक्त प्रधान केएस गुप्ता ने कहा कि एरियर समेत हमारी मांगें लंबित हैं और यह हमारा हक है। 12 नवंबर को सरकार के साथ बैठक है और इसमें सभी मुद्दों पर चर्चा होगी। कर्मचारी अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे।
नई कार्यकारिणी राज्य विद्युत बोर्ड पेंशनर्स मंच की कार्यकारिणी में अध्यक्ष केएस गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप खरबाड़ा, उपाध्यक्ष रमेश शर्मा, रोशन लाल, अमरनाथ, पवन कुमार, शांति स्वरूप, दीप राज शर्मा शामिल हैं। महासचिव चंद्र मंडल, एजीएस चेतराम शर्मा, जगमेल सिंह, प्रेस सचिव अमर सिंह, सलाहकार एलएस भाटिया, मुख्य सलाहकार डीएस चंदेल और संरक्षक एसएम कपूर चुने गए। समोसे को लेकर हिमाचल की सियासत गरमा गई है हाल ही में हिमाचल में समोसे को लेकर सियासत गरमा गई है। दरअसल, 21 अक्तूबर को सीआईडी मुख्यालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में राज्य खुफिया विभाग ने मुख्यमंत्री को परोसे जाने वाले जलपान के लिए शहर के एक नामी होटल से खाद्य सामग्री मंगवाई थी, लेकिन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री को ये सामग्री नहीं परोसी गई।
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