India News HP(इंडिया न्यूज़),Himachal News: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ने वाली हैं। अब हिमाचल प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ ने सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। 28 सितंबर को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद-ईसी में शिक्षकों से जुड़े करियर एडवांसमेंट स्कीम- सीएएस, महंगाई भत्ते- डीए और एरियर के मुद्दों पर बार-बार मांग पत्र देने के बावजूद कोई चर्चा नहीं हुई। संघ ने इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है।
हिमाचल प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ के अध्यक्ष डॉ. नितिन व्यास ने कहा कि यूजीसी ने 2016 में नया वेतनमान दे दिया था। पिछली भाजपा सरकार ने इसे शिक्षकों के लिए वर्ष 2022 में जारी किया, लेकिन सीएएस के लिए अलग से अधिसूचना जारी करने की बात कही। हैरानी की बात है कि मौजूदा कांग्रेस सरकार को दो साल पूरे होने वाले हैं, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है।
डॉ. नितिन व्यास ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में कोई निर्णय न लिए जाने के कारण विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और यूजीसी द्वारा संचालित विभिन्न शिक्षण संस्थानों के सात हजार कर्मचारियों की पदोन्नति रुक गई है। इसके कारण नैक ग्रेडिंग भी प्रभावित हो रही है। शिक्षकों के शोध और व्यावसायिक विकास पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
डॉ. नितिन व्यास ने कहा कि यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि यह सरकार कॉलेजों में प्रिंसिपलों के पदों को ‘पिक एंड चूज’ के आधार पर भर रही है। इसमें प्रक्रिया का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। हिमाचल प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में सीएएस और इससे संबंधित अन्य प्रावधान जारी नहीं किए गए तो संघ बड़ा आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा।
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